चमोली हादसे के बाद भारत में भूकंप का कहर, रिक्टर स्केल पर तीव्रता 6.3 मापी गई

उत्तर भारत में शुक्रवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. रात 10.31 बजे आए भूकंप से दिल्ली एनसीआर थर्रा गया. भूकंप का असर हरियाणा, राजस्थान, जम्मू कश्मीर में भी दिखा. भूकंप का केंद्र ताजिकिस्तान था, जहां रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.3 मापी गई.

पहले खबर आई कि भूकंप का दूसरा केंद्र पंजाब के अमृतसर के पास था. नेशनल सेंटर फॉर सेस्मोलॉजी की ओर जानकारी दी गई कि अमृतसर में रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.1 दर्ज़ की गई है. लेकिन बाद अमृतसर में भकूंप के केंद्र होने की बात से मौसम विभाग ने इनकार कर दिया.

भूकंप के बाद दिल्ली-एनसीआर में लोग घरों से बाहर आ गए. हाईराइज सोसाटियों में भूकंप का दहशत साफ देखा गया. कुछ लोग घरों में सोने की तैयारी में थे तो कुछ खाने की तैयारी कर रहे थे. वहीं सड़कों पर वाहन चला रहे लोग भी रूक गए थे. जानकारों के कहना है कि भूकंप की तीव्रता ज्यादा थी, लेकिन भूकंप के केंद्र से पता चलता है कि किसी बड़े नुकसान की आशंका नहीं है, जो राहत की बात है. बड़े भूकंप के बाद आफ्टर शॉक की स्थिति रहती है, लेकिन उसकी तीव्रता कम होती है.

-हिमाचल के चंबा ,डलहौजी व अन्य इलाकों में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. ऊना में भी भूकंप के आंशिक झटके महसूस किए गए. हालांकि जान माल का कोई नुकसान नहीं हुआ.

– हरियाणा के जींद और अंबाला में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए.

-उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग के साथ-साथ चमोली में भूकंप के झटके महसूस किए गए.

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि भूकंप के बाद अमृतसर और उसके आसपास के इलाकों में अब तक किसी भी नुकसान की कोई खबर नहीं है. पुलिस और स्थानीय प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट करके कहा कि 2005 के बाद इतनी तीव्रता के भूकंप को महसूस किया. जैसे ही भूकंप के झटके महसूस हुए मैं घर से कंबल लेकर बाहर आ गया. जल्दी में मैं मोबाइल लेना भूल गया, जिससे तुरंत ट्वीट करने में असमर्थ था. इधर, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी लोगों की सलामती के लिए प्रार्थना की.

– 0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है.

– 2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है.

– 3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर होता है.

– 4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं. दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं.

– 5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर फर्नीचर हिल सकता है.

– 6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है. ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है.

– 7 से 7.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतें गिर जाती हैं. जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं.

– 8 से 8.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं.

– 9 और उससे ज्यादा रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर भयंकर तबाही मचती है. कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी. समंदर नजदीक हो तो सुनामी. भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है.

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