कश्मीरी पंडित ने कश्मीर पहुंचकर फिर से अपने बिजनेस की शुरुआत की है. इन्होंने अक्टूबर 1990 में हमले की एक घटना के बाद कश्मीर छोड़कर दिल्ली को अपना ठिकाना बना लिया था, लेकिन अब एक बार फिर उन्होंने कश्मीर में वापसी की है और यहां पर उनका भव्य स्वागत किया गया.