घर में मैदान छोड़ गई AAP दिल्ली-NCR की इस सीट पर

साल 2012 में राजनीतिक दल के रूप में उभरी आम आदमी पार्टी केवल सात साल के भीतर ही अपने घर से मैदान छोड़ भागी। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में लगभग 90 हजार मतदाताओं का विश्वास हासिल करने के बावजूद आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविद केजरीवाल ने मिशन 2019 के लिए गाजियाबाद से अपना कोई प्रत्याशी चुनाव मैदान में नहीं उतारा है।

कौशांबी रहा है आप का अड्डा

आम आदमी पार्टी की शुरुआत 2012 में हुई थी, उस वक्त कौशांबी के ए-ब्लॉक स्थित आम आदमी पार्टी का तीन कमरों का कार्यालय मुख्य दफ्तर होता था। यहां अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, कुमार विश्वास, गोपाल राय, शशि भूषण और आशीष खेतान जैसे प्रमुख चेहरे हर वक्त कार्यालय की बालकनी में देखे जाते थे।

राजनीति में नई विचारधारा के साथ आई आम आदमी पार्टी को उस वक्त जन सहयोग और लोगों का प्यार निरंतर मिलता था। छोटे-छोटे कार्यक्रमों में हजारों की संख्या में लोग मेट्रो के जरिए दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम से यहां पहुंचते थे। मुख्यमंत्री केजरीवाल जब पहली बार साल 2013 दिसंबर से फरवरी 2014 में 49 दिन के लिए दिल्ली दरबार पर काबिज हुए उस वक्त पूरा कामकाज कौशांबी से ही चलता था।

यहां जनता दरबार लगता में हजारों की संख्या में लोग देश के अलग अलग कोनों से अपनी समस्या भी लेकर आते थे। इसके बाद 2015 में दोबारा दिल्ली दरबार में पहुंचे केजरीवाल ने शुरुआती कुछ दिनों तक कामकाज कौशांबी के अपने आवास व कार्यालय से किया। बाद में वह कौशांबी गिरनार टावर को छोड़कर दिल्ली शिफ्ट हो गए थे। इस दौर में केजरीवाल यहां सुबह की सैर, फिल्म देखने व छोटे बड़े समारोह में भी शामिल हुए करते थे।

कार्यकर्ताओं में भी है दर्द

पिछले लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी शाजिया इलमी को 90 हजार वोट मिला था। शाजिया इलमी ने गाजियाबाद के मुस्लिम बाहुल्य इलाकों से लेकर इंदिरापुरम की पॉश सोसायटियों तक अपना दमखम दिखाया था। 2019 में गाजियाबाद लोकसभा सीट से आम आदमी पार्टी का प्रत्याशी नहीं होने से पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों में भी नाराजगी है।

आप की पश्चिमी उत्तर प्रदेश चिकित्सा प्रकोष्ठ प्रभारी सचिन का कहना है कि यह केंद्रीय नेतृत्व का फैसला है लेकिन गाजियाबाद में प्रत्याशी नहीं होने पर अब ध्यान दिल्ली पर लगाया जाएगा। साहिबाबाद के भाजपा नेता और सांसद प्रतिनिधि संजीव शर्मा का कहना है कि आम आदमी पार्टी पिछले चुनाव में हुई बड़ी हार से डर गई है इसलिए प्रत्याशी नहीं उतारा है।

आप के जिलाध्यक्ष चेतन त्यागी ने कहा है कि भले आप ने प्रत्याशी नहीं उतारा लेकिन वह भाजपा को हराने के लिए मजबूत प्रत्याशी का साथ देगी।

2014 लोकसभा चुनाव पार्टी प्रत्याशी मिले मतों की संख्या

भाजपा- वीके सिंह- 758482

कांग्रेस- राजबब्बर- 191222

बसपा- मुकुल उपाध्याय- 173085

सपा- सुधन रावत- 106984

आप- शाजिया इल्मी- 89147

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