घर के अंदर पोर्टेबल मशीन से की भ्रूण जांच, डीईओ काबू

दिल्ली एम्स में कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटर के साथ डिकॉय महिला का भ्रूण जांच कराने के लिए 45 हजार में साैदा हुआ था। डीईओ महिला डिकॉय को टैक्सी के जरिये उत्तर प्रदेश ले गया। बुलंदशहर के गुलावठी से महिला डिकॉय को बाइक पर गांव विलायतपुर स्थित घर ले जाया गया।  

सोनीपत स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उत्तर प्रदेश में कोख के कातिलों का पर्दाफाश किया है। महिला डिकॉय को बुलंदशहर के गांव विलायतपुर स्थित घर में ले जाकर पोर्टेबल मशीन से अल्ट्रासाउंड कर गर्भ में लड़का बताया। इसके बाद पीएनडीटी टीम ने महिला को बाइक पर छोड़ने वाले दलाल को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वह बाइक छोड़कर मौके से भाग गया।

वहीं टैक्सी में बैठे दिल्ली एम्स में कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटर (डीईओ) दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-12 निवासी सुरेशपाल को काबू कर पुलिस को सौंप दिया। उसके पास से सात हजार रुपये बरामद किए गए। मामले में अब उतर प्रदेश के बुलंदशहर की गुलावठी थाना पुलिस जांच कर रही है।

गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसी पीएनडीटी) के नोडल अधिकारी डॉ. सुमित कौशिक ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम को दिल्ली व उत्तर प्रदेश में भ्रूण लिंग जांच कराने की सूचना मिल रही थी। इस पर टीम डिकॉय महिला तैयार की। महिला डिकॉय ने भ्रूण लिंग जांच के लिए दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-12 निवासी सुरेशपाल से 45 हजार में सौदा किया।

सुरेश पाल दिल्ली स्थित एम्स संस्थान के न्यूरोलॉजी विभाग में डाटा एंट्री ऑपरेटर (डीईओ) के पद पर कार्यरत हैं। उसने महिला डिकॉय को एम्स संस्थान के गेट नंबर एक बुलाया। इसके बाद डीईओ सुरेशपाल उसे टैक्सी में बैठाकर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित मसूरी ले गया।

वहां से आशा कार्यकर्ता डासना निवासी सुधा को भी बैठा लिया। इसके बाद सुरेशपाल दोनों को टैक्सी से उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के गुलावठी में गया। वहां पर आशा कार्यकर्ता ने बुलंदशहर के गांव विलायतपुर निवासी मनीष उर्फ मोंटी से फोन पर संपर्क किया।

कुछ देर बार मनीष उर्फ मोंटी वहां आया और डिकाॅय महिला व आशा कार्यकर्ता को अपनी बाइक पर बैठकर विलायतपुर स्थित अपने घर ले गया और वहां पर पोर्टेबल मशीन से अल्ट्रासाउंड करके महिला को उसके गर्भ में बेटा होने की बात कही। उस घर में पहले ही तीन से चार महिलाओं की जांच की गई थी।

इसके बाद मनीष उर्फ मोंटी जब महिला डिकॉय को छोड़ने के लिए वापस आया तो वहां टीम ने उसे पकड़ने का प्रयास किया। मनीष टीम के साथ हाथापाई करके बाइक छोड़कर भाग निकला। इसके बाद टीम ने टैक्सी में बैठक सुरेशपाल को पकड़ लिया। उसके पास से सात हजार रुपये बरामद कर लिए और उसे पुलिस को सौंप दिया।

इसके बाद टीम उस घर में पहुंची, जहां पर पोर्टेबल मशीन के लिए अल्ट्रासाउंड किया गया था। टीम को उस घर में कोई नहीं मिला। मामले में अब उतर प्रदेश के बुलंदशहर की गुलावठी थाना पुलिस जांच कर रही है।

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