संगीत नगरी ग्वालियर में आज से विश्वविख्यात अंतरराष्ट्रीय तानसेन समारोह का 101वां संस्करण शुरू हो रहा है। 15 से 19 दिसंबर तक चलने वाले इस आयोजन में देश–विदेश के दिग्गज संगीतज्ञ तानसेन की समाधि पर स्वरांजलि अर्पित करेंगे और सुर–ताल की भव्य सभाएं सजेंगी।
सुर, ताल और साधना की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए संगीत नगरी ग्वालियर में विश्वविख्यात अंतरराष्ट्रीय तानसेन समारोह का 101वां संस्करण प्रारंभ हो रहा है। 15 से 19 दिसंबर 2025 तक चलने वाले इस भव्य आयोजन में देश और विदेश के सुप्रतिष्ठित संगीतज्ञ गान मनीषी तानसेन की समाधि पर स्वरांजलि अर्पित करेंगे। पूर्वरंग कार्यक्रमों से पहले ही सुरों की रंगत बिखेर चुके शहर में अब मुख्य समारोह की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
समारोह का शुभारंभ सोमवार सुबह 10 बजे तानसेन समाधि स्थल, हजीरा पर पारंपरिक चादरपोशी के साथ होगा। इसके बाद शहनाई वादन, हरिकथा और मीलाद गायन की प्रस्तुतियां होंगी। शाम 6:30 बजे मुख्य समारोह का उद्घाटन किया जाएगा, जिसमें राष्ट्रीय तानसेन सम्मान और राष्ट्रीय राजा मानसिंह तोमर सम्मान का अलंकरण किया जाएगा। इसके पश्चात प्रतिष्ठित कलाकारों की संगीत सभाएं प्रारंभ होंगी।
मध्यप्रदेश शासन के संस्कृति विभाग के अंतर्गत उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी द्वारा जिला प्रशासन, नगर निगम ग्वालियर और पर्यटन विभाग के सहयोग से यह आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है। अकादमी के निदेशक प्रकाश सिंह ठाकुर के अनुसार, वर्ष 2024 के लिए राष्ट्रीय तानसेन सम्मान से पंडित राजा काले (गायन) और वर्ष 2025 के लिए पंडित तरुण भट्टाचार्य (संतूर वादन) को सम्मानित किया जाएगा। वहीं, राजा मानसिंह तोमर सम्मान वर्ष 2024 में साधना परमार्थिक संस्थान, मंडलेश्वर तथा वर्ष 2025 में रागायन संगीत समिति, ग्वालियर को प्रदान किया जाएगा। इस वर्ष समारोह का मुख्य मंच ग्वालियर के प्रसिद्ध चतुर्भुज मंदिर (शून्य का मंदिर) की थीम पर सजाया गया है।
इस बार समारोह में पद्म पुरस्कारों से अलंकृत कई दिग्गज कलाकार प्रस्तुतियां देंगे। इनमें पद्मविभूषण अमजद अली खान अपने पुत्रों अमान-आयान के साथ, पद्मश्री सुमित्रा गुहा, पद्मश्री शिवनाथ-देवब्रत मिश्र, कलापिनी कोमकली, संजीव अभ्यंकर सहित कई नामचीन कलाकार शामिल हैं। साथ ही स्थानीय और युवा कलाकारों को भी मंच दिया जा रहा है, ताकि परंपरा नई पीढ़ी तक पहुंचे।
संगीत सभाओं के साथ-साथ वादी-संवादी, राग आधारित चित्रांकन, कला प्रदर्शनियां और पर्यटन गतिविधियां भी आयोजित की जा रही हैं। सनराइज टूर, ग्वालियर सिटी टूर और थीमैटिक फूड फेस्टिवल भी समारोह का आकर्षण रहेंगे। 101वां तानसेन समारोह एक बार फिर संगीत, संस्कृति और साधना की त्रिवेणी के रूप में ग्वालियर को वैश्विक मानचित्र पर स्थापित करेगा।
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