भारतीय टीम के पूर्व कोच ग्रेग चैपल का मानना है कि इरफान पठान भारत के सबसे हिम्मत वाले ऑलराउंडर खिलाड़ियों में से एक थे. वो खुद के बारे में ज्यादा सोचे बिना टीम के लिए हर वक्त तैयार रहते थे. इरफान पठान ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया है.
संन्यास लेते हुए इरफान पठान ने कहा था कि 27 साल की उम्र में आम तौर पर एक खिलाड़ी अपना करियर शुरू करता है. मैंने इस उम्र में उच्चतम स्तर पर पहुंचकर करियर का अंत किया.
बातचीत के दौरान ग्रेग चैपल ने कहा, “जो भी रोल टीम के भले के लिए मिलता इरफान पठान उसे निभाने के लिए पूरी तरह से हमेशा तैयार रहते थे. वो बहुत हिम्मत वाला और खुद के बारे में नहीं सोचने वाला खिलाड़ी था. इरफान ने यह साबित किया है कि बतौर ऑलराउंडर उसमे काफी क्षमता है.”
सीमित औवरों के क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के साथ-साथ वो टेस्ट क्रिकेट में भी शतक लगाने के बेहद करीब पहुंच गए थे. उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट मैच में सर्वाधिक 93 रन बनाए थे.
ग्रेग चैपल ने साल 2005 से 2007 तक भारतीय टीम की कमान कोच के रूप में संभाली थी. माना जाता है कि चैपल ही वह शख्स हैं जिन्होंने इरफान को को ऑलराउंडर के रूप में खुद को तैयार करने के लिए कहा. जिसके कारण इरफान ने गेंदबाजी में स्विंग भी खो दी थी. हालांकि इरफान इस बात को नकार चुके हैं कि उन्होंने कभी गेंदबाजी में स्विंग खोई थी.
ग्रेग चैपल ने इसपर कहा, “इरफान पठान की स्विंग बेहद शानदार थी. कराची टेस्ट के पहले ही ओवर में ली गई हैट्रिक उनके करियर के मुख्य बिंदुओं में से एक है.”
हाल ही में संन्यास के वक्त पठान ने कहा था, “साल 2016 में सैय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी में सर्वाधिक विकेट लेने के बावजूद मुझे दोबारा चांस नहीं दिया गया. चयनकर्ता मेरी गेंदबाजी से ज्यादा खुश नहीं थे. मैं समझ गया था कि मेरा करियर अब खत्म हो गया है.”