गोवा में क्रिसमस और नया साल मनाने के लिए एक जालसाज फर्जी मंत्री बन गया। उसने राजाजीपुरम में लगे एक बेसिक फोन नंबर से गोवा के कलेक्टर को फैक्स किया गया। यूपी के राज्यमंत्री के स्वागत के लिए गोवा प्रशासन ने एयरपोर्ट पर सरकारी गाड़ी व ड्राइवर, सुरक्षा में पुलिस और ठहरने के लिए आलीशान गेस्ट हाउस बुक करा दिया। जालसाज अपने चार और साथियों के साथ 12 दिनों तक सरकारी खर्चे पर पहले गेस्ट हाउस फिर महंगे होटल में मौज काटता रहा। इसकी भनक लगी तो क्राइम ब्रांच ने जालसाज से पूछताछ की। जिसके बाद पता चला कि जालसाज ने गोवा सरकार के साथ धोखाधड़ी की।
सचिवालय के नाम से सरकारी पत्र बनवाया
कुर्सीरोड के गौरा बाग का रहने वाले सुनील कुमार सिंह ने कार्यालय-प्रोटोकाल विभाग उत्तर प्रदेश शासन सचिवालय के नाम से एक सरकारी पत्र बनवाया। जिस पर सचिव प्रोटोकाल उत्तर प्रदेश शासन की ओर से लिखा गया कि राज्यमंत्री सुनील कुमार सिंह अपने तीन अर्दली के साथ अति आवश्यक कार्य से उत्तरी गोवा जा रहे हैं। उनके ठहरने के लिए अतिथि गृह की व्यवस्था की जाए। लखनऊ के बेसिक नंबर 0522-2419752 से यह पत्र 23 दिसंबर को फैक्स किया गया।
एयरपोर्ट निदेशक को अगवानी के विशेष इंतजाम के लिए भेजा
नार्थ गोवा प्रोटोकाल आफिस ने यह फैक्स पुलिस अधीक्षक, सीआइएसएफ कमांडेंट और एयरपोर्ट निदेशक को राज्यमंत्री की अगवानी के विशेष इंतजाम के लिए भेजा गया। मंत्री की सुरक्षा के लिए गोवा पुलिस के कांस्टेबल गोपीचंद को तैनात किया गया। एक ड्राइवर तुलसीदास महालशेखर व कार उपलब्ध कराने के साथ 24 दिसंबर से दो जनवरी तक मडगांव के सर्किट हाउस में ठहरने का इंतजाम किया गया। सरकारी खर्चे पर दो जनवरी तक मौज करने के बाद फर्जी मंत्री के साथ चित्रकूट के अजय कुमार तिवारी, श्रीकांत गर्ग, आशुतोष शुक्ल और धीरज मिश्र को वहां से पणजी के फिडालगो होटल में ठहरने की व्यवस्था की गई।
ऐसे पकड़ा खेल
जिस मडगांव राज्य अतिथि गृह में सुनील कुमार सिंह फर्जी राज्यमंत्री बनकर ठहरा था। उस अतिथि गृह में सुनील कुमार सिंह का अध्यक्ष/सभापति उत्तर प्रदेश राज्य उपभोक्ता सहकारी संघ लि. पंचम तल के पहचान पत्र की छायाप्रति जमा की गई थी। अतिथि गृह के कर्मचारियों ने ऑनलाइन जांच की तो पता चला कि वो कोई राज्य मंत्री नहीं है। उसने फर्जी दस्तावेज और पहचान पत्र लगाकर सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाया। तीन जनवरी को इसकी एफआइआर गोवा के प्रोटोकॉल सचिवालय के सेक्शन ऑफिसर वसंत पारब ने दर्ज करायी।
पंचम तल पर ई-कॉमर्स का ऑफिस
पहचान पत्र में सहकारिता भवन के दिए गए पते में ई कॉमर्स का ऑफिस निकला। गोवा पुलिस ने यहां पर संपर्क भी किया था। गोवा क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर परेश गोकुली नाईक नेे बताया कि फर्जी पहचान पत्र और दस्तावेजों से खुद को यूपी का राज्य मंत्री बताकर आरोपित सुनील कुमार सिंह और उसके चार साथियों ने सरकारी सुविधाओं का अवैध तरीके से उपभोग किया। उनके खिलाफ मामला दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।