एजेंसी/ जबलपुर : गोरा होने की चाहत हर कोई रखता है, लेकिन इसके लिए बेतुकी हरकतें करना वाकई बेवकूफाना है। सेकेंड्स में गोरा होने की इसी चाह में महाकौशल व विदर्भ के कुछ क्षेत्रों में युवाओं पर ऐसी सनक सवार हुई कि वो चेहरे पर खुजली की क्रीम लगाने लगे। क्रीम ने असर भी किया और वो गोरे भी हुए।
लेकिन जब क्रीम ने अपना असली रंग दिखाया तो चेहरा और बेरंग हो गया। यह आपबीती छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, सिवनी, बालाघाट, मंडला और डिंडौरी के अलावा नागपुर से सटे इलाकों के सैकड़ों लोगों की है। अब इन लोगों की बची-खुची खूबसूरती भी जाती रही और चेहरे पर मुहासे, लाल चिट्टे, झाईयां उभर आईं हैं।
कुछ दिनों पहले इस इलाके में ऐसी खबर फैली कि पेनडर्म व इसके जैसी अन्य खुजली वाली क्रीमों से रंग गोरा होता है। यह क्रीम मात्र 55 रुपए में मेडिकल शॉप में उपलब्ध थी। त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ अरुणा कोठारी ने बताया कि इसके लगातार उपयोग से पिंपल, लाल धब्बे, झाईयां पड़ने के साथ स्किन पतली होने का खतरा बना रहता है।
मेडिकल ऑफिसर डॉ मनीष गठोरिया के मुताबिक पेनडर्म क्रीम में शामिल कंटेंट ऑफ लॉक्सिन और ओरनीडेजोल डायरिया के लिए उपयोग में आने वाली दवाओं में भी शामिल होते हैं। छिंदवाड़ा के ड्रग इंस्पेकटर विवेकानंद ने बताया कि पेनडर्म के दुष्परिणामों को देखते हुए शासन ने इस पर 2010-11 में बैन कर दिया था।
लेकिन कंपनी ने हाइ कोर्ट का रुख किया और कंपनी को स्टे मिल गया। पीड़ित युवक-युवती अब इसके लिए इलाज करा रहे है।
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