विकास परियोजनाओं के निर्माण कार्य स्थलों पर पानी के छिड़काव के बाद शहर में वायु प्रदूषण की स्थिति में सुधार तो हुआ लेकिन, रविवार की शाम पटाखों के बारूद से निकले जहरीले धुएं से हवा फिर जहरीली हो गई। शहर में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) का स्तर सुबह 151 था जो शाम छह बजे 178 पहुंच गया। रात भर आतिशबाजी के बाद इसके और बढ़ने की उम्मीद जताई गई है।
शहर में धूल के कण और वाहनों से निकले धुएं से दशहरा के बाद से ही प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है। लगातार एक्यूआई का स्तर 200 के पार था, लेकिन शनिवार से नगर निगम ने निर्माण वाले स्थलों पर पानी का छिड़काव किया तो प्रदूषण का स्तर कम हो गया।
शनिवार को औसत एक्यूआई 168 दर्ज किया गया। यानी प्रदूषण की स्थिति खतरे के स्तर 200 से नीचे आ गई। रविवार को सुबह और दोपहर में पैड़लेगंज-नौसड़ के बीच पानी का छिड़काव निर्माणाधीन सिक्सलेन रोड व ओवरब्रिज के पास किया गया। जिससे धूल का गुबार नहीं दिखा। इससे लोगों को जहां धूल से राहत मिली वहीं प्रदूषण की स्थिति में भी सुधार हुआ।
वहीं, शाम को जब पटाखे छूटने लगे तो प्रदूषण का स्तर भी बढ़ने लगा। शनिवार को शहर का औसत 168 दर्ज किया गया था, जो स्वास्थ्य के लिहाज से खराब की श्रेणी में है। जलकल के सहायक अभियंता सौरभ सिंह ने बताया कि जिन इलाकों में अधिक धूल उड़ रही है, वहां पानी का छिड़काव कराया गया।