गोरखपुर चिडिय़ाघर में 120 प्रजाति के पक्षियों की दिखी मौजूदगी….

 चिडिय़ाघर के मुक्त क्षेत्र में प्रवासी पर‍िंदों का नया संसार बस रहा है। यहां उनके लिए पर्याप्त भोजन का प्रबंध है। 34 एकड़ के प्राकृतिक वेटलैंड में वह मछली व अन्य जलीव जीवों को खाते हैं तो बाहर बारहों माह उन्हें पेड़ों पर फल मिल रहा है। चिडिय़ाघर के चारो तरफ ऊंची चहारदिवारी व शांतिप्रिय वातावरण पक्षियों को यहां से जाने नहीं दे रहा है। वेटलैंड के आस-पास फैली झाडिय़ों में उन्होंने अपना आशियाना बना रखा है। चिडिय़ाघर का वातावरण उन्हें इतना भा गया है कि अधिकांश पर‍िंदे यहां से कही और जाने को तैयार नहीं हैं।

मुक्त रेंज में देखी गई है 120 प्रजाति से अधिक पक्षी

चिडिय़ाघर में पक्षियों चहचहांहट एक अलग ही सुकून देती है। एक वर्ष में यहां 120 प्रजाति के पक्षियों की मौजूदगी दिखी है। इसमें से 50 से अधिक प्रजातियां प्रवासी पक्षियों की है। एक वर्ष में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान पक्षियों की यह प्रजातियां विशेषज्ञों ने देखी है। यहां पक्षियों को उनकी रिहाइश के अनुकूल माहौल मिल रहा है। वेटलैंड व पेड़ों के बीच एकांत में पक्षियों को भयमुक्त वातावरण मिल रहा है।

दर्शक उठा रहे पक्षियों के कलरव का लुत्फ

चिडिय़ाघर के वेटलैंड व पेड़ों पर लिटिल कारमोरेंट, लेसर एडजुटेंट, व्हीङ्क्षस्लग डक, नाइट हेरान आदि प्रवासी पक्षी देखे जा रहे हैं। दर्शक यहां पक्षियों के कलरव का लुत्फ उठा रहे हैं। वेटलैंड में ही मछलियों, कछुओं, सर्प, मेढ़क सहित तमाम जलीय जंतुओं का वास है। ऐसे में प्रवासी पक्षियों को भोजन के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ता है।

प्रवासी पक्षियों के लिए चिडिय़ाघर सुरक्षित ठिकाना बन चुका है। यहां सिर्फ वेटलैंड में ही नहीं, बल्कि उसके बाहर भी पक्षियों पेड़ों से भोजन मिल जाता है। अभी चिडिय़ाघर के पेड़ों पर पक्षी जंगल जिलेबी का आनंद ले रहे हैं। उसका सीजन खत्म होते-होते यहां आम के पेड़ों में फल तैयार हो जाएंगे। आम का सीजन खत्म होते ही यहां जामुन का फल तैयार हो जाएगा। ऐसे में चिडिय़ाघर में पक्षियों को भरपूर आहार भी मिल रहा है। यहां उनका कुनबा भी बढ़ रहा है। – डा.एच राजा मोहन, निदेशक- चिडिय़ाघर।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com