किसानों को अब अपनी फसलों को जल्दबाजी में औने-पौने कीमतों में बेचने की जरूरत नहीं पड़ेगी। खाद्य सुरक्षा एवं किसानों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने फसल कटाई के बाद के प्रबंधन की समुचित व्यवस्था की है।
क्रेडिट गारंटी योजना की शुरुआत
किसानों एवं अन्न गोदामों के बीच वित्तीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए सोमवार को क्रेडिट गारंटी योजना की शुरुआत की गई। इसके माध्यम से किसान और व्यापारी अपनी उपज को गोदामों में सुरक्षित रूप से अधिक दिनों तक संग्रह कर सकेंगे और इसके बदले उन्हें बैंकों से आसानी से लोन मिल सकेगा। योजना की शुरुआत खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रल्हाद जोशी ने की। अभी तक देश में ऐसे किसानों की संख्या बहुत ही कम है, जो भविष्य की महंगाई को देखते हुए वेयरहाउस में अपनी फसलों को सुरक्षित रख पाते हैं।
किसानों को होगा सीधा फायदा
ऐसे किसानों की संख्या लगभग तीन से चार प्रतिशत ही है। बाकी सब कारोबारी हैं, जो गोदामों में अनाज रखकर महंगे होने पर बेचते हैं और मुनाफा कमाते हैं। नई योजना के लागू हो जाने से किसानों को बैंकों से कर्ज लेने के लिए गोदामों में रखे उपज के अतिरिक्त किसी अन्य संपत्ति को गिरवी नहीं रखना पड़ेगा। गोदाम की रशीद ही लीगल गारंटी का काम करेगी।
योजना का फायदा सबसे अधिक छोटे एवं सीमांत किसानों को मिलेगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में नकदी प्रवाह में भी सुधार होगा। साथ ही कृषि उपज की हानि कम से कम होगी। दरअसल कई योजनाओं के बावजूद गारंटी के अभाव में किसानों को अक्सर बैंक से कर्ज नहीं मिल पाता है। इस कारण जरूरत पड़ने पर उन्हें अपनी उपज कम कीमत पर ही बेचनी पड़ जाती है। गारंटी की व्यवस्था हो जाएगी तो बैंक उन्हें आसानी से लोन दे सकेंगे। इस योजना से बैंकों के जोखिम भी कम हो जाएंगे।
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