ये विचार यहां पुराना हाउ¨सग बोर्ड स्थित जैन स्थानक में चातुर्मास प्रवचन के दौरान प्रवचन साध्वी सुप्रज्ञा महाराज ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। इस
अवसर पर उनके साथ सुधर्म महाराज, श्रृतश्री महाराज, स्मिति महाराज, सम्पत्ति महाराज भी उपस्थित थे। सुप्रज्ञा महाराज ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि आप अपने गुरू के सामने जो बात कहते हैं, वहीं जीवन में लागू करनी चाहिए। गुरू के प्रति हमेशा समर्पण का भाव रखें। अगर आपसे कोई भी गलती हुई है तो उसका प्रायश्चित अवश्य करें। जीवन में वहीं व्यक्ति
जो अज्ञान होता है। सुप्रज्ञा महाराज ने कहा कि जीवन में बहुत कुछ आपको मिल सकता है, वह धन हो सकता है। लेकिन अमूल्य आपसे छूट जाएगा।
भगवान के समक्ष अपनी आलोचना करने का प्रयास करो। साधु संतों को भी संयम रखना आपके अपने हाथ में है।