गुरुग्राम के आरटीए ऑफिस में गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन और एनओसी जारी करने की करीब 2 हजार फाइलों में फर्जीवाड़ा हुआ है। एसआईटी टीम की जांच में 62 दलालों के नाम सामने आए हैं, जिन्होंने हर महीने आरटीए ऑफिस के कर्मचारियों के लिए रुपये इकट्ठा कर उन्हें दिए थे। कई लोगों की तलाश चल रही है।
आरटीए ऑफिस में गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन और एनओसी जारी करने की करीब 2 हजार फाइलों में फर्जीवाड़ा हुआ है। एसआईटी (स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम) की अब तक की जांच लगभग 3 हजार फाइल सामने आई थीं, लेकिन इनमें जब जांच हुई तो पता चला कि कुछ फाइलें ऐसी भी हैं जो नॉर्मल रूटीन में यहां से पास हो जाती हैं। जबकि दलालों के जरिये आई लगभग 2 हजार फाइलों में रुपये लेकर फर्जीवाड़ा किया गया। शहर के वाहनों के लिए 1500 रुपये और दूसरे जिलों व राज्यों की फाइलों के 2900 रुपये प्रति फाइल के हिसाब से लिए जाते थे। एसआईटी की जांच में अब तक 62 दलालों के नाम सामने आ चुके हैं जो हर महीने आरटीए ऑफिस के कर्मचारियों के लिए रुपये इकट्ठा कर उन्हें देते थे। इनमें से 6 दलालों को अरेस्ट किया जा चुका है। वहीं आरटीए ऑफिस के भी 10 से अधिक कर्मचारियों की भूमिका इस फर्जीवाड़े में सामने आ चुकी है। ये सभी लोग ऑफिस से गैर हाजिर हैं और फरार चल रहे हैं। जिसके चलते ट्रांसपोर्ट विभाग इन्हें सस्पेंड भी कर चुका है।
गौरव से पहले भोलू और उससे पहले यश करता था रुपये इकट्ठे
सीएम फ्लाइंग स्कवॉड ने 13 सितंबर को आरटीए ऑफिस के पास पार्क में बैठे तीन सिक्योरिटी गार्डों गौरव, सौभन सिंह व सुरेश को अरेस्ट किया था। गौरव ही अब मुख्य दलाल था जो बाकी सभी दलालों से रुपये इकट्ठे कर टीआई किशोरी को देता था। एसआईटी की जांच में सामने आया है कि गौरव से पहले भोलू ये काम करता था। भोलू को भी अरेस्ट किया जा चुका है। वहीं भोलू से पहले ये काम यश करता था। बीते कई सालों से आरटीए ऑफिस में ये फर्जीवाड़ा जारी है।
13 सितंबर को सामने आया था मामला
सीएम फ्लाइंग स्कवॉड गुरुग्रामकी टीम ने 13 सितंबर को आरटीए गुरुग्रामऑफिस में तैनात अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए काम करने वाले तीन दलाल अरेस्ट किए। टीम को सूचना मिली थी कि आरटीए ऑफिस गुरुग्राममें कुछ दलाल एक्टिव हैं जो रिश्वत के रुपये इकट्ठा करते हैं। टीम लघु सचिवालय परिसर पहुंचे और वहां पार्क में बैठे 3 लोगों अर्जुन नगर कॉलोनी निवासी गौरव, सौभन सिंह व सुरेश कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ की। जिसमें पता चला कि वे आरटीए ऑफिस में टीआई किशोरी ने 15 दिन पहले गौरव को कहा कि गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन व एनओसी जारी करने की ऐवज में अन्य सभी दलालों से रुपये तुम इकट्ठे करो। गुरुग्रामरजिस्ट्रेशन की गाड़ियों के 1500 रुपये और बाहर जिलों की गाड़ियों के लिए 2900 रुपये प्रत्येक गाड़ी रिश्वत लेना तय किया गया। इस उगाही के काम के लिए टीआई किशोरी गौरव को एक सप्ताह के 3 हजार रुपये देता था। बीते 10-12 दिन से गौरव ये उगाही कर रहा था।
आरटीए ऑफिस में रजिस्ट्रेशन के लिए जमा होने वाली फाइल दलाल जमा कराते हैं। इन फाइलों की लिस्ट किशोरी रोज गौरव को देता है। लिस्ट के अनुसार गौरव सभी दलालों से रुपये उगाही करके टीआई किशोरी का कॉल आने पर उसे देता था। 28 अगस्त से 11 सितंबर के बीच वो 7 लाख रुपये इकट्ठा कर टीआई किशोरी को दे चुका है। इसके लिए किशोरी ने अब तक उसे 7 हजार रुपये दिए हैं। लिस्ट के अनुसार उसे 36 लाख 63 हजार 300 रुपये इकट्ठे करके टीआई किशोरी को देने हैं। तलाशी के दौरान उससे 40500 रुपये टीम ने बरामद किए। मामले में शिवाजी नगर थाना में एफआईआर दर्ज की गई और अब एसआईटी मामले में जांच कर रही है।