Gujarat Government. गुजरात सरकार आगामी एक साल में राज्य की 500 स्कूल को स्कूल्स ऑफ एक्सेलेंस के रूप में विकसित करेगी। सरकार ने इसके लिए बजट में 250 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। दिल्ली के स्कूल मॉडल के अनुकरण पर उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा कि हर सरकार अपने तरीके से बेहतर स्कूल व अस्पताल का निर्माण करती है।
उपमुख्यमंत्री व वित्तमंत्री नितिन पटेल ने कहा कि गुजरात सरकार राज्य के शिक्षा स्तर को बेहतर करने के साथ आधारभूत सुविधाओं को भी बढ़ाना चाहती है। गुजरात सरकार के दो लाख 17287 करोड़ के बजट में शिक्षा बजट 31955 करोड़ रुपये का रखा गया है, जो गत वर्ष से 1910 करोड़ रुपये अधिक है। नितिन पटेल ने बताया कि राज्य में आगामी पांच साल में 15 हजार प्राथमिक व 5000 माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूल को स्कूल्स ऑफ एक्सेलेंस के रूप में विकसित किया जाएगा। प्रथम चरण में 500 स्कूल को चुना जाएगा, जिसमें से हरेक में 50-50 लाख रुपये खर्च करके सभी आवश्यक सुविधाएं, स्मार्ट क्लासरूम, कंप्यूटर लैब, स्टेम लैब तथा खेल कूद के साधन उपलब्ध कराए जाएंगे।
स्कूल्स ऑफ एक्सेलेंस में तहसील के विविध स्कूलों के मेधावी बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा, विशेषज्ञता प्राप्त शिक्षकों को इन खास स्कूलों में नियुक्त किया जाएगा, ताकि इन बच्चों को उत्तम शिक्षा दी जा सके। इन स्कूलों में शिक्षा के कमांड व मॉनिटरिंग के लिए रियल टाइम ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम विकसित किया जाएगा।
सरकार ने इसके अलावा राज्य की विविध शालाओं में 7000 क्लासरूम बनाने के लिए 650 करोड़ रुपये का बजट में प्रावधान किया है।
शिक्षा के अधिकार के तहत राज्य सरकार प्रदेश के चार लाख 22 हजार बच्चों की फीस, यूनिफॉर्म, स्कूल बैग आदि के लिए 550 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इस साल कॉलेज में प्रवेश पाने वाले छात्रों में से तीन लाख छात्रों को टेबलेट वितरण के लिए दो सौ करोड़ रुपये तथा कॉलेज व यूनिवर्सिटी के नए भवनों के निर्माण के लिए 246 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। स्टडी इन गुजरात के लिए 10 करोड़, स्टूडेंट स्टार्टअप प्रोग्राम पर 20 करोड़ तथा स्कूल व कॉलेज के सभी छात्र छात्राओं को पुस्तकें, यूनिफॉर्म उपलब्ध कराने तथा ट्यूशन फीस, हॉस्टल, भोजनालय के लिए मुख्यमंत्री युवा स्वावलंबन योजना के तहत 935 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।