मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भूमि राजस्व अधिनियम 1879 के प्रावधान के अनुसार संपत्ति धारकों से 200 रुपए का सर्वेक्षण शुल्क लेकर दी जाने वाली सनद यानी स्वामित्व प्रमाण पत्र अब ग्रामीण संपत्ति धारकों को निःशुल्क प्रदान करने का निर्णय किया है।
स्वामित्व योजना के अंतर्गत गुजरात के ग्रामीण क्षेत्रों के संपत्ति धारकों को उनकी रिहायशी संपत्ति यानी मकानों के मालिकाना हक को दर्शाने वाली ‘सनद’ (स्वामित्व प्रमाण पत्र) निःशुल्क दी जाएगी। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के संपत्ति धारकों पर सनद प्राप्त करने के लिए जो वित्तीय बोझ पड़ता था, उसे दूर करने के लिए संवेदनशील दृष्टिकोण के साथ यह निर्णय लिया है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय ने ग्रामीण क्षेत्रों के संपत्ति धारकों को प्रॉपर्टी कार्ड प्रदान करने के उद्देश्य से स्वामित्व योजना शुरू की है। ‘ग्रामीण क्षेत्रों में उन्नत प्रौद्योगिकी के साथ गांवों की आबादी का सर्वेक्षण और मानचित्रण’ (स्वामित्व) योजना के अंतर्गत ड्रोन टेक्नोलॉजी के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों के आबादी वाले क्षेत्रों की संपत्तियों का ड्रोन सर्वेक्षण कर ग्रामीण लोगों को संपत्ति कार्ड प्रदान किए जाते हैं। ऐसे संपत्ति कार्ड की पहली प्रति संपत्ति धारकों को निःशुल्क प्रदान की जाती है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भूमि राजस्व अधिनियम 1879 के प्रावधान के अनुसार संपत्ति धारकों से 200 रुपए का सर्वेक्षण शुल्क लेकर दी जाने वाली सनद यानी स्वामित्व प्रमाण पत्र अब ग्रामीण संपत्ति धारकों को निःशुल्क प्रदान करने का निर्णय किया है। उनके इस निर्णय के परिणामस्वरूप अब राज्य में ‘स्वामित्व’ योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों के संपत्ति धारकों को प्रॉपर्टी कार्ड की प्रति के अलावा उनके रिहायशी मकान के मालिकाना अधिकार को दर्शाने वाली ‘सनद’ भी निःशुल्क मिलेगी।
गुजरात सरकार राज्य में इस प्रकार की अनुमानित 25 लाख ग्रामीण संपत्तियों की सनद वितरण के लिए 50 करोड़ रुपए का वित्तीय बोझ वहन करेगी। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने ग्रामीण क्षेत्रों के अदने, गरीब और मध्यमवर्गीय संपत्ति धारकों को सनद प्राप्त करने के लिए 200 रुपए के शुल्क से मुक्ति देने के इस संवेदनशील दृष्टिकोण के साथ न केवल ग्रामीण नागरिकों के लिए उनकी संपत्ति के अधिकार को दर्शाने वाली सनद प्राप्त करना आसान बना दिया है, बल्कि ‘ईज ऑफ लिविंग’ को भी साकार किया है।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू की गई स्वामित्व योजना का उद्देश्य ड्रोन टेक्नोलॉजी के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों के आबादी वाले क्षेत्रों की संपत्तियों का ड्रोन सर्वेक्षण कर ग्रामीण जनता को संपत्ति कार्ड यानी प्रॉपर्टी कार्ड प्रदान करना है। इस प्रॉपर्टी कार्ड के माध्यम से ग्रामीण नागरिकों को उनकी संपत्तियों पर कानूनी अधिकार प्राप्त होता है, साथ ही यह उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त भी बनाता है। प्रॉपर्टी कार्ड के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में और अधिक तेजी देखने को मिलेगी, ग्रामीण विकास के आयोजन के लिए निश्चित भूमि रिकॉर्ड तैयार होंगे, एक निश्चित कर की वसूली होगी और संपत्ति से जुड़े विवाद और कानूनी मामलों में कमी आएगी।