Enemy Property In Gujarat. केंद्र सरकार शत्रु संपत्तियां बेचने की योजना बना रही है। गुजरात में ऐसी 146 संपत्तियां हैं, जिनसे करीब एक हजार करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं।
भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय और उसके बाद सैकड़ों परिवार पाकिस्तान जाकर बस गए थे। देश के विभिन्न राज्यों में ऐसे परिवारों की मौजूद संपत्तियों को ही शत्रु संपत्ति कहा जाता है, जिनका मालिकाना भारत सरकार के पास है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल ही में देश के विभिन्न राज्यों में मौजूद शत्रु संपत्तियों को बेचने का संकेत दिया है।
गुजरात के आटोमोबाइल हब राजकोट जिले में सबसे अधिक 94, अहमदाबाद में 18, पंचमहल में 14, जूनागढ़ में 15 तथा कच्छ में पांच शत्रु संपत्तियां हैं। शहरों के लिहाज से राजकोट के उपलेटा व जैतपुर में 42-42, गोधरा में 14, अहमदाबाद में 11, जूनागढ़ में आठ, धोलका के कौका में सात, मांडवी में चार, वंथली में चार, वेरावल में तीन, पडधरी में चार, धोराजी में तीन, गोंडल के हडमताला में दो तथा कोटडा सांगाणी में एक शत्रु संपत्ति है। इन संपत्तियों को बेचकर एक हजार करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं।
गुजरात में 11 बांग्लादेशियों को हिरासत में लिया गया
प्रेट्र के मुताबिक, गुजरात के अहमदाबाद में गैरकानूनी रूप से रह रहे 11 बांग्लादेशियों को शनिवार को हिरासत में लिया गया। गुजरात पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने बताया कि इशानपुर में चंदोला झील के पास बनी बस्ती से इन्हें हिरासत में लिया गया है।
एसओजी के सहायक पुलिस आयुक्त बीसी सोलंकी ने कहा, ‘पुलिस अब उन्हें बांग्लादेश निर्वासित करने की प्रक्रिया शुरू करेगी।’ उन्होंने कहा, ’11 बांग्लादेशी अवैध रूप से रह रहे थे और यहां मजदूरी कर रहे थे।’ सोलंकी ने कहा, ‘हिरासत में लिए गए लोग भारतीय नागरिक होने का कोई भी दस्तावेज मुहैया नहीं करा पाए। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि कहीं वे किसी आपराधिक गतिविधि में तो शामिल नहीं थे।’