गणेश महोत्सव के दौरान गुजरात के विभिन्न शहरों में पथराव की घटनाओं पर विभिन्न संगठनों ने नाराजगी जताते हुए अगले माह शुरू होने वाले नवरात्र महोत्सव में शामिल होने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया है। मुस्लिम युवक नाम बदलकर गरबा में शामिल होते हैं जो गलत है। इसके लिए आधार कार्ड देखकर ही प्रवेश दिया जाएगा। हालांकि विपक्ष ने इस पर सवाल उठाए हैं।
गणेश महोत्सव के दौरान गुजरात के विभिन्न शहरों में पथराव की घटनाओं पर विभिन्न संगठनों ने नाराजगी जताते हुए अगले माह शुरू होने वाले नवरात्र महोत्सव में शामिल होने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया है। लव जिहाद की घटनाओं को रोकने के लिए गरबा आयोजक इसमें शामिल होने वालों की पहचान को जरूरी मान रहे हैं।
मुस्लिम नेताओं का कहना है कि क्या राज्य सरकार द्वारा आयोजित गरबा में भी धार्मिक आधार पर प्रवेश से रोका जाएगा। साहिर रसोत्सव के संचालक सुरेंद्र सिंह वाला ने बताया कि गणेश पंडाल पर पथराव और लव जिहाद जैसी घटनाओं को देखते हुए गरबा महोत्सव में गैर हिंदुओं के प्रवेश को रोका जाएगा।
आधार कार्ड देखकर ही प्रवेश दिया जाएगा
मुस्लिम युवक नाम बदलकर गरबा में शामिल होते हैं जो गलत है। इसके लिए आधार कार्ड देखकर ही प्रवेश दिया जाएगा। कडवा पाटीदार समाज के पुष्कर पटेल का कहना है कि आधार कार्ड जैसी व्यवस्था जरूरी है। लव जिहाद की मानसिकता से मुस्लिम युवक नाम बदलकर गरबा महोत्सव में आते हैं। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल ने भी गरबा व अन्य समारोहों में गैर हिंदुओं के प्रवेश का विरोध किया है।
धर्म के आधार पर प्रवेश न देना गलत
विहिप प्रवक्ता हितेंद्र सिंह राजपूत ने अपील की है कि गरबा आयोजक पहचान पत्र देखकर ही उत्सव में प्रवेश दें। इसे लेकर बजरंग दल एक हेल्पलाइन शुरू करेगा। एआइएमआइएम के प्रवक्ता दानिश कुरैशी का मानना है कि राज्य में सुपर पुलिसिंग हो रही है। धर्म के आधार पर प्रवेश न देना गलत है।