गुजरात: मुख्यमंत्री कार्यालय का अधिकारी बनकर कर रहा था ठगी

गुजरात के नवसारी में एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है, जो कथित तौर पर खुद को मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी के रूप में पेश करता था। आरोप है कि शख्स ने मुख्यमंत्री कार्यालय का अधिकारी बनकर कई बार एसडीएम को फोन कॉल किया।

गुजरात के नवसारी जिले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि यह व्यक्ति मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) का अधिकारी बनकर लोगों से ठगी कर रहा था। आरोपी ने खुद को खुद को सीएमओ का अधिकारी बताते हुए लोगों से संपर्क किया था। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।

एक अधिकारी ने बताया, आरोपी की पहचान नीतेश चौधरी के रूप में हुई है,जो खुद को मुख्यमंत्री की बैठकों का प्रबंधन करने वाला अधिकारी बताता था। उसे रविवार को गिरफ्तार किया गया।

खुद को बताता था मुख्यमंत्री का विश्वासपात्र
पुलिस उपाधीक्षक संजय राय के मुताबिक, चौधरी ने दावा किया था कि वह बीते बीस वर्षों से मुख्यमंत्री कार्यालय में काम कर रहा है और मुख्यमंत्री का विश्वासपात्र है और उसे पदोन्नति मिलने वाली है और दिल्ली स्थानांतरण (ट्रांसफर) भी होने वाला है।

एसडीएम को कई बार फोन किया
नवसारी ग्रामीण पुलिस ने जनम ठाकोर की शिकायत पर चौधरी के खिलाफ मामला दर्ज किया। ठाकोर वर्तमान में उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) के पद पर तैनात हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि आरोपी ने बार-बार फोन पर दावा किया कि वह मुख्यमंत्री कार्यालय से फोन कॉल कर रहा है।

राय ने बताया कि आरोपी ने पहली बार ठाकोर से तब संपर्क किया था, जब वह सूरत के बारडोली में प्रांत अधिकरी थी और जमीन कब्जाने से जुड़े एक मामले पर बात की थी। इसके बाद जब ठाकोर का नवसारी ट्रांसफर हुआ, तो चौधरी ने उन्हें फिर से फोन किया और एक अन्य जमीन कब्जाने के मामले पर बातचीत की। चौधरी ने यह भी कहा था कि एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई है कि उसे चालीस लाख रुपये की ठगी का सामना करना पड़ा है और वह चाहता है कि ठाकोर इस मामले की जांच करें।

आरोपी के खिलाफ मामला हुआ दर्ज
उन्होंने बताया कि चौधरी ने ठाकोर को 30 दिसंबर 2024 को फिर फोन किया और सूरत के मंडवी में आधार कार्ड अपडेट करने में भ्रष्टाचार का मामला उठाया। दो जनवरी को जब आरोपी ने ठाकोर से संपर्क किया तो ठाकोर को कुछ शक हुआ और आरोपी से सवाल किए।

प्राथमिकी के मुताबिक, आरोपी ने खुद को मास कम्युनिकेशन और जर्नलिज्म में मास्टर डिग्रीधारी बताया और दावा किया कि वह गुजरात लोक सेवा आयोग से सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय में नियुक्त हुआ और 20 वर्षों से वहां काम कर रहा है। पुलिस ने इस मामले में आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 204 (सरकारी कर्मचारी की नकल करना या झूठा दावा करना) के तहत कार्रवाई की है।

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