Wife Gets AIDS. गुजरात के अहमदाबाद में पत्नी को एड्स होने के बाद पति ने फैमिली कोर्ट में मामला पेश कर तलाक की मांग की है। कोर्ट ने तलाक की मांग खारिज करते हुए कहा कि केवल शारीरिक सबंध से ही एचआइवी एड्स नहीं हो सकता। इसके अन्य कई कारण भी हो सकते हैं। इसलिए इसके कारण ही तलाक की अनुमति असंभव है। पति यह साबित करने में भी असफल रहा कि उसकी पत्नी के अन्य पुरुषों के साथ नाजायज संबंध थे। फैमिली कोर्ट के फैसले के बाद पति ने इस मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
अहमदाबाद के मणिनगर निवासी एक युवक और युवती का विवाह सामाजिक रीति-रिवाज के मुताबिक 2013 में हुआ था। इनका दांपत्य सुख-चैन से व्यतीत हो रहा था कि कुछ समय बाद महिला गर्भवती हुई। मेडिकल परीक्षण की रिपोर्ट के अनुसार वह एचआइवी से पीड़ित थी। पति को इसकी जानकारी होते ही उसने भी अपना टेस्ट करवाया, लेकिन उसकी रिपोर्ट नार्मल आई। इसके बाद उसने 2015 में फैमिली कोर्ट में पत्नी से तलाक के लिए याचिका दायर की। उसने कोर्ट में बताया कि उसकी पत्नी एड्स ग्रस्त है। वह भी इस संक्रामक रोग का शिकार हो सकता है। इसलिए उसे उसकी पत्नी से तलाक मिलना चाहिए। उसने दावा किया था कि उसकी पत्नी शादी से पहले ही इस बीमारी से पीड़ित है। उसने इसे छिपाकर विश्वास घात किया है। वह शादी के बाद भी अक्सर शारीरिक संबंध का विरोध करती थी। उसके अन्य युवकों के साथ नाजायज संबंध हैं।
इस दंपति को 2014 में पुत्र की प्राप्ति हुई। उसने कोर्ट को बताया कि गर्भावस्था की जिम्मेदारी को उसने पूरा किया है। इसलिए अब उसे पत्नी से तलाक मिलना चाहिए। वहीं, पत्नी ने कोर्ट क बताया कि उसका पति हमेशा से ही उसे शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित करता है। उसने दूसरी शादी भी कर ली है और उसका एक पुत्र भी है। कोर्ट ने तमाम दलीलों को सुनने के बाद तलाक की याचिका खारिज कर दी। इसके बाद पति ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।