लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर बीजेपी धीरे-धीरे कदम बढ़ाती जा रही है. ताजा जानकारी के मुताबिक बीजेपी ने गुजरात की कुल 26 लोकसभा सीटों में से अब तक 16 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. आपको बता दें कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के गांधीनगर सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद रविवार को बीजेपी ने 15 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम भी घोषित कर दिए हैं. अब तक बीजेपी ने कुल दो सांसदों को दोबारा चुनाव लड़ने का मौका नहीं दिया है जिसमें पहला नाम तो उसके वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी का है जबकि दूसरा नाम सुरेंद्रनगर सीट से मौजूदा सांसद देवजी फतेपरा का है.
इस लिस्ट में केवल एक सांसद को दोबारा नहीं मिला टिकट
रविवार को जारी हुई इस लिस्ट की सबसे खास बात यह है कि इसमें जिन 15 उम्मीदवारों को मौका दिया गया है उनमें से 14 मौजूदा सांसदों को ही टिकट दिया गया है. जबकि सुरेंद्रनगर के मौजूदा सांसद का टिकट काट दिया गया है. यहां आपको यह भी बता दें कि गुजरात के सुरेंद्रनगर से मौजूदा सांसद देवजी फतेपरा को दोबारा टिकट नहीं दिया गया है. खास बात यह है कि दो बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक रहे देवजी फतेपरा 2014 में बीजेपी में शामिल हुए थे. बीजेपी ने उन्हें 2014 के लोकसभा चुनाव में टिकट भी दिया था जिसके बाद वे सांसद भी बने. अब जब इस बार उनका टिकट कट गया है तो वे नाराजगी में इसे आपसी गुटबाजी बता रहे हैं और बीजेपी उम्मीदवार को हराने की धमकी दे रहे हैं.
अब तक इनके नाम हुए फाइनल
गांधीनगर से अमित शाह, कच्छ से विनोद चावड़ा, अहमदाबाद पश्चिम से डॉ. किरीट सोलंकी, सुरेन्द्रनगर से महेन्द्र मुंजपरा, राजकोट से मोहन कुंडारिया, जामनगर से पूनम माडम, अमरेली से नारण काछडिया, भावनगर से भारतीबहेन शियाळ, बारडोली से प्रभु वसावा, वडोदरा से रंजनबेन भट्ट, नवसारी से सी. आर. पाटिल, वलसाड से के. सी पटेल, भरूच से मनसुख वसावा, दाहोद से जशवंत सिंह भाभोर, साबरकांठा से दीपसिंह राठौड़ और खेड़ा से देवुसिंह चौहाण के नाम की घोषणा हो चुकी है.
10 सीटों पर इसलिए फंसा है पेंच
बीजेपी आलाकमान द्वारा गुजरात लोकसभा की 10 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम की घोषणा करना अभी बाकी है. बाकी बची 10 सीटों के लिए कुछ नए नाम सामने आने की उम्मीद है. दरअसल, ये ऐसी सीटें हैं जहां एक से ज्यादा मजबूत उम्मीदवार होने के चलते नाम फाइनल नहीं हो पा रहे हैं. बीजेपी टिकट बंटवारे में पूरी सतर्कता बरतने की कोशिश कर रही है ताकि उसे बेहतर से बेहतर परिणाम मिल सकें.