कुछ लोग शौकिया एक गाय पालते हैं, लेकिन धीरे-धीरे गायों की संख्या बढऩे पर वे दूध बेचने लगते हैं। गाय पालने वाले उसे सड़क पर ही बांध देते हैं या फिर पेट भरने के लिए सड़कों पर छोड़ देते हैं।
लेकिन, अब गाय पालने वालों को नगर निगम के सख्त नियमों से गुजरना होगा। अभी तक बीस रुपये शुल्क देने पर गाय पालने का लाइसेंस बन जाता था, लेकिन अब लाइसेंस शुल्क की राशि दो हजार से पांच हजार रुपये करने की तैयारी है। पांच दिसंबर को होने वाली नगर निगम कार्यकारिणी समिति की बैठक में इस प्रस्ताव को लाया जाएगा।
लाइसेंस शुल्क बढ़ाने के साथ ही गायों की निगरानी तंत्र को भी मजबूत किया जाएगा। लाइसेंस जारी होने के समय ही एक माइक्रो चिप रीडर भी गाय के शरीर में डाला जाएगा।
यह चिप एक इंजेक्शन से गाय में फिट कर दिया जाएगा। अगर पहली बार गाय बाहर घूमती पकड़ी गई तो जुर्माना देकर पशुपालक छुड़वा लेंगे। दोबारा पकड़े जाने पर चिप से यह पता चल जाएगा कि यह गाय किस दिन और कहां से पकड़ी गई है। दोबारा गाय के पकड़े जाने की जानकारी मिलते ही नगर निगम गाय को जब्त कर लेगा और उसका लाइसेंस भी निरस्त कर देगा।