इजरायल की तरफ से अनौपचारिक तौर पर भारत को इस बारे में बताया भी गया है कि इन श्रमिकों को वैसी ही सुरक्षा दी जाएगी जैसा कि एक सामान्य इजरायली जनता को दी जाती है। भारत का यह आग्रह इसलिए महत्वपूर्ण है कि इजरायल की तरफ से 10 हजार भारतीय श्रमिकों की मांग की गई है और इनकी भर्ती के लिए हरियाणा यूपी के कई शहरों में प्रक्रिया जारी है।
इजरायल और आंतकी संगठन हमास के बीच लगातार युद्ध चल रहा है। इसके साथ ही पूरे खाड़ी क्षेत्र में तनाव बढ़ने के संकेत है। ऐसे में इजरायल सरकार के अनुरोध पर 64 भारतीय श्रमिकों का दल वहां पहुंच चुका है। भारत ने इन श्रमिकों की सुरक्षा का खास तौर पर ख्याल रखने का आग्रह इजरायल सरकार को किया है।
इजरायल सरकार की तरफ से अनौपचारिक तौर पर भारत को इस बारे में बताया भी गया है कि इन श्रमिकों को वैसी ही सुरक्षा दी जाएगी जैसा कि एक सामान्य इजरायली जनता को दी जाती है। भारत का यह आग्रह इसलिए महत्वपूर्ण है कि इजरायल की तरफ से 10 हजार भारतीय श्रमिकों की मांग की गई है और इनकी भर्ती के लिए हरियाणा, उत्तर प्रदेश के कई शहरों में प्रक्रिया जारी है।
विदेश मंत्रलाय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि, “हमारे लिए श्रमिकों की सुरक्षा काफी महत्वपूर्ण है। इजरायली अधिकारियों का कहा गया है कि इन श्रमिकों की सुरक्षा का पूरा इंतजाम होना चाहिए।”
जायसवाल ने यह नहीं बताया कि इजरायल की तरफ इन श्रमिकों की सुरक्षा को लेकर कोई खास आश्वासन मिला है या नहीं लेकिन इजरायल सरकार के सूत्रों ने बताया है कि श्रमिकों की सुरक्षा को लेकर पहले ही उनकी एजेंसियों के बीच काफी विस्तार से विमर्श हो गया है। भारत एक बहुत ही महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार देश है और जिस हालात में यहां से श्रमिकों की आपूर्ति हो रही है वह काफी महत्वपूर्ण है। इनकी सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम होगा। भारत से जाने वाले श्रमिकों की नियुक्ति कहां होगी, इसको लेकर भी विमर्श चल रहा है। अभी यह स्पष्ट नही है कि भारतीय श्रमिकों को गाजा में या तनावग्रस्त सीमा पर काम करने के लिए भेजा जाएगा या नहीं।
विदेश मंत्रालय की तरफ से इस पर कोई साफ जवाब नहीं आया है। पिछले वर्ष जब इजरायल पर हमस के हमले के बाद हालात बिगड़े थे तब भारत ने वहां रहने वाले अपने नागरिकों को इजरायल छोड़ने की सलाह दी थी। इस बारे में जो एडवायजरी जारी की गई थी वह अभी भी लागू है। इसके बावजूद भारत के नागरिक अब श्रमिक बन कर वहां जा रहे हैं।
इस बारे में पूछने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। उनका कहना है कि तब एडवायजरी वहां रहने वाले भारतीय नागरिकों के लिए जारी की गई थी।आज की तारीख में भी बड़ी संख्या में भारतीय वहां रह रहे हैं।