बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवात तूफान का असर अब धीरे-धीरे खत्म होने लगा है. लेकिन यह तूफान अपने पीछे तबाही का मंजर छोड़ गया है. इस तूफान ने तमिलनाडु में हजारों हेक्टयर जमीन पर लगी फसल तबाह हो गई है. इसे लेकर किसान परेशान है. ये तबाही इतनी बड़ी है कि पिछले एक सप्ताह में तीन किसान खुदकुशी कर चुके हैं.
नारियल की खेती को नुकसान
शनिवार को तमिलनाडु के पुड्डुकोत्तई जिले में 45 साल के किसान ने अपनी जान दे दी. स्थानीय मीडिया के अनुसार, तिरुचेलवम नारियल की खेती करते थे और उनकी करीब 25 एकड़ जमीन बर्बाद हो गई. यही कारण रहा कि उन्होंने अपनी जान दे दी.
ये हाल तमिलनाडु के सिर्फ एक जिले का नहीं बल्कि कई क्षेत्रों का है. गाजा तूफान से करीब 5 एकड़ जमीन बर्बाद होने के बाद 58 साल के सुंदरराज ने 22 नवंबर को जहर खाकर अपनी जान दे दी थी.
‘मिला सिर्फ 1700 मुआवजा’
सुंदरराज की एक बेटी भी है, उनके मुताबिक 21 तारीख को वह घर से निकले तो कभी लौटे ही नहीं. बाद में उन्हें सुसाइड की खबर मिली. परिवार वालों ने शिकायत की है कि राज्य सरकार की ओर से जो मुआवजा दिया गया है, वह काफी कम है. उन्हें सिर्फ 1700 रुपये का मुआवजा दिया गया था.
गौरतलब है कि इससे पहले भी त्रिची जिले में 21 नवंबर को स्थानीय किसान ने ट्रेन के सामने कूदकर अपनी जान दे दी थी. 29 साल के सेल्वराज के परिवार के मुताबिक, उन्होंने 5 लाख रुपये का कर्ज लेकर फसल तैयार की थी, लेकिन अब सब बर्बाद हो गया था.
आपको बता दें कि चक्रवात गाजा का तमिलनाडु में काफी कहर रहा. 2004 में आई सुनामी के बाद इस आपदा को सबसे बड़ी आपदा माना गया था. गाजा तूफान के कारण राज्य में करीब 50 लोगों की जान चली गई थी, जबकि हजारों एकड़ जमीन तबाह हो गई थी.
तूफान के कारण मारे गए लोगों के परिजनों को राज्य सरकार की ओर से 10-10 लाख रुपए का मुआवजा दिए जाने का ऐलान किया गया था. इस तूफान के दौरान करीब 100 किलोमीटर की रफ्तार से हवा चल रही थी.