सऊदी अरब, बहरीन, मिस्त्र और संयुक्त अरब अमीरात ने कतर से रिश्ते खत्म करने का ऐलान कर दिया था. जिसके बाद उपजे संकट को देखते हुए कुवैत सामने आया है. कतर के विदेश मंत्री मुहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी ने कहा कि कुवैत इस मामले में मध्यस्थता का प्रयास कर रहा है. विदेश मंत्री ने कहा है कि ‘अरब देशों द्वारा दोहा के साथ रिश्ते खत्म करने के बाद उपजे संकट को सुलझाने में कुवैत मध्यस्थता करने की कोशिश कर रहा है.’
कतर के मंत्री ने मंगलवार सुबह कहा है कि कुवैत के शासक ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हम्माद अल थानी को संकट पर संबोधन देने से रूकने को कहा है. विदेश मंत्री शेख मुहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी ने दोहा आधारित समाचार नेटवर्क अलजजीरा को बताया है कि ‘उनका देश उन्हें खारिज करता है जो अपनी इच्छा कतर पर थोपने का प्रयास कर रहे हैं. उनका देश उन देशों से दूर रहेगा जो इसके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने की कोशिश कर रहे हैं.’
बता दें की बहरीन, अरब के देशों में मिस्र, सउदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने सोमवार को कतर के साथ संबंध खत्म कर लिए थें. यहां तक की उन देशों ने कतर के विमान और जहाज के लिए अपनी जमीन, समुद्र और हवाई अड्डे बंद करने के आदेश दिए थे. खाड़ी के देशों के लिए यह 1991 में हुए खाड़ी युद्ध के बाद का सबसे बड़ा राजनियक संकट है.
सूडान ने भी कतर और उसके पड़ोसी खाड़ी अरब देशों के बीच मेल-मिलाप कराने के प्रयास का प्रस्ताव दिया है. बता दें की इन देशों ने कतर के साथ आतंकवाद का समर्थन का आरोप लगाते हुए संपर्क तोड़ लिए थे. सूडान के विदेश मंत्री ने इस पर गंभीर चिंता जताई है. साथ ही हुए उन्होंने इन देश के नेताओं को शांत रहने और संकट का समाधान करने की अपील की है.
सूडान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है, ‘‘सूडान ने इस क्षेत्र के नेताओं से इस विवाद से निपटने के लिए साथ आने की अपील की है.’’ बता दें ही हाल के वर्षों में सूडान ने शिया बहुल ईरान के साथ दशकों पुराने संबंध खत्म कर लिया है. सूडान अब सउदी अरब और कतर के साथ गहरे राजनयिक संबंध विकसित कर चुका है.