New Delhi: हाथ में मौली या कलावा बांधने के लिए हिंदू धर्म में कई ऐसी विशेष बातें हैं जिनके बारे में बेहद सतर्कता बरतनी बेहद जरूरी है। हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के समय में हाथ में कलावा बांधने का एक विशेष महत्व है।
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इसे हर पूजा के कार्य में शुभ माना जाता है। इसके रक्षा सूत्र भी कहा जाता है। कलावे के साथ जहां कई मान्यताएं जुड़ी हैं वहीं इसके साथ अनेक वैज्ञानिक तर्क भी बताए गए हैं। लेकिन अक्सर लोग कलावा तो बंधवा लेते हैं। लेकिन इसे कब बदलना चाहिए या फिर कब तोड़ना चाहिए इसके बारे में शायद ही जानते हों।
जिसके चलते वह किसी भी दिन इसे तोड़ देते हैं जिसका व्यक्ति के पर बहुत बुरा असर पड़ता है। इसलिए इसे पुराना होने से पहले तोड़ने से पहले कुछ शुभ-अशुभ बातें जानना बेहद जरूरी है।
– कलावे को रक्षा सूत्र के रूप में भी जाना जाता है। इस कलावे को किसी भी दिन नहीं बदला जा सकता। इसे मंगलवार और शनिवार के दिन ही बदलना या तोड़ना चाहिए क्योंकि यह दिन सबसे शुभ माना जाता है।
– अक्सर पुरुषों और महिलाओं में यह दुविधा होती है कि कलावा किस हाथ में रखना चाहिए। इसलिए पुरुषों और अविवाहित लड़कियों को दाहिने हाथ में और विवाहित स्त्री को बाएं हाथ पर कलावा बंधवाना चाहिए। यह भी ध्यान रहे कि कलावा बंधवाते समय मुठ्ठी खाली न हो।
– कलावे को बांधते समय तीन बार लपेटना चाहिए। पांच रंगों वाले कलावे को बांधना बेहद ही शुभ रहता है। इसे पंचदेव कलावा भी कहते हैं।
– वैज्ञानिक मान्यता के अनुसार यह मधुमेह और ब्लड प्रेशर जैसे रोगों से बचाने में मदद करता है।
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