गर्मी बढ़ी… दिल्ली में बिजली की मांग तोड़ रही है रिकॉर्ड

बुधवार को बिजली की पीक डिमांड 5354 मेगावाट तक पहुंच गई। यह दिल्ली के इतिहास में 9 अप्रैल को अब तक की सर्वाधिक मांग है।

राजधानी में गर्मी बढ़ने के साथ ही बिजली की मांग रिकार्ड तोड़ने लगी है। बुधवार को बिजली की पीक डिमांड 5354 मेगावाट तक पहुंच गई। यह दिल्ली के इतिहास में 9 अप्रैल को अब तक की सर्वाधिक मांग है। मंगलवार को बिजली की मांग 5029 मेगावॉट दर्ज की गई थी। वहीं, बिजली कंपनियों का कहना है कि लगातार बढ़ रही मांग को पूरा करने के लिए तैयार हैं। बिजली की पर्याप्त व्यवस्था कर ली गई है, ताकि 2 करोड़ निवासियों को बेहतर आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।

कंपनियों का कहना है कि मांग को पूरा करने में हरित ऊर्जा की बड़ी भूमिका होगी। एआई और मशीन लर्निंग से बिजली आपूर्ति में मदद मिलेगी। गर्मियों के लिए बीएसईएस ने 2100 मेगावाट हरित ऊर्जा की व्यवस्था की है। सौर ऊर्जा के प्लांटों से बीएसईएस को 888 मेगावाट बिजली मिलेगी।

हाइड्रो प्लांटों से 546 मेगावाट बिजली मिलेगी। इसके अलावा कचरे से बनने वाली 40 मेेगावाट बिजली भी बीएसईएस को उपलब्ध होगी। बीएसईएस क्षेत्र में उपभोक्ताओं के घरों की छतों पर लगे सोलर पैनलों से भी 197 मेगावाट बिजली बीएसईएस को मिलेगी। लंबी अवधि के समझौतों के तहत बिजली की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। इसके अलावा पावर बैंकिंग से भी बीएसईएस को 500 मेगावाट तक बिजली मिलेगी।

उपभोक्ताओं को बेहतर बिजली आपूर्ति उपलब्ध कराने के लिए बीएसईएस ने न सिर्फ बिजली की पर्याप्त व्यवस्था की है, बल्कि मांग का लगभग सटीक अनुमान लगाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का भी इस्तेमाल कर रही है। इसमें मौसम का अनुमान लगाने वाली तकनीक भी शामिल है।

उल्लेखनीय है कि लोड का लगभग सटीक अनुमान लगाने में तापमान, बारिश, बादल, हवा की गति, हवा की दिशा और उमस आदि की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। बीएसईएस व टाटा पावर ने एआई, मशीन लर्निंग सहित अन्य तकनीक का इस्तेमाल कर रही हैं। इसमें आईएमडी-पॉस्को की ओर से उपलब्ध कराई गई विशेषज्ञता का भी उपयोग किया जा रहा है। बिजली की मांग का बेहतर अनुमान लगाने की क्षमता, उपभोक्ताओं को विश्वसनीय आपूर्ति में काफी मददगार साबित होती है।

बिजली की मांग
9 अप्रैल 2019–4267 मेगावाट
9 अप्रैल 2020–2251 मेगावाट
9 अप्रैल 2021–3902 मेगावाट
9 अप्रैल 2022–4832 मेगावाट
9 अप्रैल 2023–3457 मेगावाट
9 अप्रैल 2024–4351 मेगावाट
9 अप्रैल 2025–5442 मेगावाट

गमी के कारण अस्पतालों की ओपीडी में 15% तक बढ़े मरीज
बढ़ती गर्मी का असर अब लोगों के स्वास्थ्य पर दिखने लगा है। अस्पतालों की ओपीडी में 15-20 फीसदी तक मरीजों की बढ़ोतरी हुई है। मरीज शरीर दर्द, उल्टी, दस्त सहित दूसरे लक्षणों के उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। विशेषज्ञों ने दोपहर में बच्चों और बुजुर्गों को घर से बाहर नहीं निकलने का परामर्श दिया है। वहीं, मधुमेह, ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक और कार्डियक संबंधी बीमारी से जूझने वाले मरीजों को सेहत का खास ख्याल रखने की सलाह दी है।

डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के मेडिसिन विभाग में निदेशक प्रोफेसर पुलिन कुमार गुप्ता ने कहा कि गर्मी को लेकर अस्पताल की ओपीडी में 15-20 फीसदी मरीज बढ़ गए हैं। मरीज दर्द, दस्त, बुखार, गला खराब, पेट दर्द के लक्षणों के साथ अस्पताल में आ रहे हैं। अस्पताल ने गर्मी को देखते हुए हीट स्ट्रोक यूनिट भी बनाई गई है। हालांकि, राहत भरी बात यह है कि अभी तक इस तरक का कोई मरीज सामने नहीं आया है। इस मौसम में अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों को खास सावधानी बरतने की जरूरत है। मधुमेह और ब्लड प्रेशर के मरीज दवाओं का नियमित सेवन जारी रखें। कार्डियक संबंधी परेशानी के मरीज धूप में जाने से बचें। गर्मी के मौसम में धूप के संपर्क में अधिक समय तक रहने से डिहाइड्रेशन की समस्या बढ़ती है।

मरीजों में डिहाइड्रेशन का पड़ रहा असर
स्वामी दयानंद अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि अभी दिल्ली में अचानक से तापमान में जो वृद्धि हुई है उससे बच्चों और बुजुर्गों में फ्लू जैसे लक्षण देखने को मिल रहे हैं। गला खराब, जुकाम, बदन दर्द, उल्टी, दस्त बुखार के मरीजों की संख्या ओपीडी में 20 फीसदी तक बढ़ गई है। कुछ मरीजों में डिहाइड्रेशन भी देखने को मिल रहा है।

गर्मी से बचाव के लिए ये करें उपाय
लोकनायक अस्पताल की उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रितु सक्सेना ने कहा कि गर्मी में हल्के रंग के ढीले कपड़े पहनने चाहिए। बाहर जाने से पहले आंखों पर चश्मा और सिर को टोपी से ढककर चलें। पानी की बोतल साथ में ले जाना न भूलें। तला-भुना और कटे फल खाने से बचें। पानी पर्याप्त मात्रा में लें। शरीर में पानी की कमी न हो उसके लिए नमक-चीनी के पानी का घोल भी पी सकते हैं। बुजुर्ग और बच्चों का खास ध्यान रखें। अगर किसी दवा का सेवन करते हैं तो उस लेने में कोई लापरवाही न बरतें। खुले क्षेत्र में काम करने वाले मजदूर और फील्ड में भागदौड़ करने वाले खुद का ख्याल जरूर रखें।

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