जांच के दौरान पाया कि बीमार पड़े बुनकरों ने ग्रामीण चिकित्सा से अपना इलाज कराया है। जांच में यह भी पता चला कि बुनकर बीमार पड़ने के बाद विभिन्न मेडिकल से दवा लेकर इलाज करवा रहे हैं।
गया के मानपुर के पटवा टोली मोहल्ले में डब्ल्यूएचओ की पांच सदस्यीय टीम पहुंची। टीम ने चिकनगुनिया संदिग्ध बीमारियों का डोर टू डोर बुनकरों की जांच किया। जांच में लगभग 200 से अधिक मरीज चिकनगुनिया के पूरे इलाके में पाए गए। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की टीम कुछ दिनों से पूरे इलाके में राहत पहुंचाने का काम कर रही है। जिसमें मरीज की संख्या में कमी आ रही है।
समय-समय पर पूरे इलाके में कैंप लगाकर उपचार करें
इधर, डब्ल्यूएचओ की टीम में शामिल दीपक ने कहा कि हमें दिल्ली में एक मेल प्राप्त हुआ। जिसके बाद पटवा टोली मोहल्ले में डोर टू डोर जाकर बीमार पड़े बुनकरों की जांच की जा रही है। जांच के दौरान पाया कि बीमार पड़े बुनकरों ने ग्रामीण चिकित्सा से अपना इलाज कराया है। जांच में यह भी पता चला कि बुनकर बीमार पड़ने के बाद विभिन्न मेडिकल से दवा लेकर इलाज करवा रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह उपचार हानिकारक है। पीड़ितों को इलाज के लिए बेहतर डॉक्टर से इलाज की जरूरत है एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम समय-समय पर पूरे इलाके में कैंप लगाकर उपचार करें।
बीमारियों की खौफ लोगों को बीच देखने को मिल रहा
इस दौरान बुनकर कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल पटवा भी मौजूद है। उन्होंने दिल्ली से आई टीम को पूरी तरह से अवगत कराया। पांच सदस्य टीम में दीपक कुमार, शंकर कुमार, मनोज कुमार, रवि शंकर प्रसाद और विजय कुमार शामिल है। स्वास्थ्य विभाग में से मिली सूचना के आधार पर विगत 5 दिनों से लगातार काम कर रही है। मेडिकल टीम ने बताया कि वायरल बुखार एक-दो दिन रहता है फिर उसके बाद दर्द रहता है। जॉइंट में दर्द होता है। चिकित्सा के टीम भी हैरान है कि इतनी तादात में लोगों की बीमार क्यों पड़ रहे हैं? फिलहाल मेडिकल की टीम बीमार लोगों का इलाज के लिए अभी भी लगी हुई है। पटवा टोली में बीमारियों की खौफ लोगों को बीच देखने को मिल रहा है।