सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गजानन संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। पंचांग के अनुसार गजानन संकष्टी चतुर्थी का पर्व 24 जुलाई को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यता है कि चतुर्थी पर पूजा के दौरान भगवान गणेश को विशेष चीजों का भोग लगाने से सभी विघ्न से मुक्ति मिलती है और सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
चतुर्थी तिथि भगवान शिव के पुत्र गणेश जी को समर्पित है। हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश की पूजा की जाती है। साथ ही विशेष कार्य में सफलता पाने के लिए व्रत भी किया जाता है। मान्यता है कि प्रभु को प्रिय चीजों का भोग लगाने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। चलिए जानते हैं गजानन संकष्टी चतुर्थी पर गणपति बप्पा को किन चीजों का भोग का लगाना जातक के जीवन के लिए फलदायी साबित होता है।
भगवान गणेश को लगाएं ये भोग (Lord Ganesh Bhog)
अगर आपके विवाह में किसी तरह कोई बाधा आ रही है, तो ऐसे में गजानन संकष्टी चतुर्थी पर गणेश जी को मालपुआ का भोग लगाएं। इसका भोग लगाने से विवाह में आ रही सभी बाधाएं दूर होती हैं और जल्द विवाह के योग बनते हैं।
गजानन संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह स्नान करने के बाद गणपति बप्पा की विधिपूर्वक पूजा कर मोदक और मोतीचूर के लड्डू का भोग लगाएं। इस दौरान भोग मंत्र का उच्चारण करें। इससे गणपति बप्पा प्रसन्न होते हैं, क्योंकि गणेश जी लड्डू प्रिय है। साथ ही वैवाहिक जीवन में खुशियों का आगमन होता है।
अपनी मुरादें पूरी करने के लिए गजानन संकष्टी चतुर्थी का दिन बेहद शुभ माना जाता है। इस खास अवसर पर पूजा के दौरान गणेश जी को खीर, फल और मिठाई का भोग लगाएं। इन चीजों का भोग लगाने से जातक को शुभ फल की प्राप्ति होती है और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
भोग लगाते समय इस मंत्र का करें जाप (Bhog Mantra)
त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।
इस मंत्र के द्वारा भगवान को भोग लगाते समय प्रार्थना करें कि गणपति बप्पा हमारा भोग स्वीकार करें और हम पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखें।
कब है गजानन संकष्टी चतुर्थी 2024? (Kab Hai Gajanana Sankashti Chaturthi 2024)
पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 24 जुलाई को सुबह 07 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन 25 जुलाई को सुबह 04 बजकर 19 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि मान्य है, इसलिए 24 जुलाई को गजानन संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा।