प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले में आयोजित इस प्रदर्शनी का उद्घाटन किया है। पीएम ने कहा कि नेताजी का जीवन परिश्रम ही नहीं, पराक्रम की भी पराकाष्ठा है।
देश 75वें गणतंत्र दिवस का जश्न मना रहा है। ऐसे में अगर आप आजादी से लेकर संविधान लागू होने तक के संघर्ष की कहानी, भारतीय संस्कृति, विविधता में एकता, धरोहर, इतिहास, कला व विकास से रूबरू होना चाहते हैं तो लाल किले तक आना होगा। केंद्र सरकार ने यहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन और संघर्ष पर आधारित सफर को ‘पराक्रम दिवस’ और भारत की विविधता में एकता, भाषा, संस्कृति व इतिहास को ‘भारत पर्व’ नामक प्रदर्शनी में दिखाया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले में आयोजित इस प्रदर्शनी का उद्घाटन किया है। पीएम ने कहा कि नेताजी का जीवन परिश्रम ही नहीं, पराक्रम की भी पराकाष्ठा है। उन्होंने आजादी के लिए अपने सपनों व आकांक्षाओं को छोड़ दिया। वे चाहते तो अपने लिए एक अच्छा जीवन चुन सकते थे। लेकिन उन्होंने अपने सपनों को भारत के संकल्प के साथ जोड़ दिया। वह जानते थे कि गुलामी सिर्फ शासन की ही नही, विचार व व्यवहार की भी होती है। इसलिए उन्होंने युवा पीढ़ी को जागरूक किया और मदर ऑफ डेमोक्रेसी के रूप में भारत की पहचान को विश्व के सामने रखा।
सन्यासी बनना चाहते थे नेताजी
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘पराक्रम दिवस’ प्रदर्शनी में युवाओं को नेताजी की आवाज में हमें अंग्रेजों से मुक्ति पानी है… भी सुनने में मिलेगा। इसके अलावा एक फिल्म के माध्यम से युवाओं को यह भी जानने का मौका मिलेगा कि नेताजी बचपन में सन्यासी बनना चाहते थे। इसी दौरान देशभर में भ्रमण करते हुए उन्होंने अंग्रेजों के शासन में देश में गरीबी और शोषण देखा। इसके बाद उन्होंने फैसला लिया कि देश को गुलामी की जंजीरों से मुक्त करवाना ही सबसे बड़ी पूजा है। इस तरह वे देश की आजादी के संघर्ष से जुड़ गए। सबसे पहले गांधी जी से जुड़े, आईएनए गठन से लेकर ट्रायल भारत से रशिया, जापान होते हुए जर्मनी तक पहुंचने की भी जानकारी मिलेगी। यहां नेताजी के भाषण सुनने से लेकर उनके लिखे पत्र पढ़ने का मौका भी मिलेगा।
नेताजी के विचारों से ले सकेंगे प्रेरणा
दर्शक नेताजी के साथ अपनी फोटो और उनके विचारों को अपने जीवन में उतारने की प्रतिज्ञा भी ले सकते हैं। इसके अलावा एनएसडी की ओर 270 डिग्री थियेटर में 20 मिनट की ‘मैं भी बोस हूं’ फिल्म देखने का भी मौका मिलेगा। दूसरी ओर, केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की ओर से भारत पर्व प्रदर्शनी आयोजित की जा रही है। इसमें राज्यों की संस्कृति, विरासत, कला, इतिहास, खानपान व वेशभूषा को जानने का मौका मिलेगा। 26 जनवरी परेड में विभिन्न प्रदेशों की झांकियां भी इसी प्रदर्शनी में रखी जाएंगी। बच्चों को खाने-पीने के साथ प्रदर्शनी में फोटो का भी मौका मिलेगा।