गठबंधन के सवाल पर बोले अमरिंदर सिंह, केजरीवाल के ड्रामे से भी 'आप' को नहीं मिल रही मदद

गठबंधन के सवाल पर बोले अमरिंदर सिंह, केजरीवाल के ड्रामे से भी ‘आप’ को नहीं मिल रही मदद

सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि सिर्फ राजनीतिक महत्वाकांक्षा ही काफी नहीं है। पंजाब के हर कांग्रेसी में कांग्रेस का चेहरा बनने की महत्वाकांक्षा है। लेकिन लोग और पार्टियां कई अन्य बातों के आधार पर नेता चुनते हैं। निकाय मंत्री नवजोत सिद्धू के मेरा कप्तान वाले बयान पर कैप्टन ने कहा कि राजनीतिक महत्वाकांक्षा गलत नहीं है। पर सिर्फ यही व्यक्ति को वहां तक नहीं ले जा सकती। इसके लिए कई और चीजें चाहिए। गठबंधन के सवाल पर बोले अमरिंदर सिंह, केजरीवाल के ड्रामे से भी 'आप' को नहीं मिल रही मदद

पार्टियों के हाईकमान हो या फिर जनता, कई अन्य कसौटियों के बल पर ही वे अपना नेता चुनते हैं। पुलवामा हमले के बाद सिद्धू के स्टैंड पर कैप्टन ने कहा कि उन्होंने एक राजनीतिज्ञ या सैनिक के बजाय एक खिलाड़ी के रूप में इस स्थिति को देखने की गलती की है। यह समझ की कमी हो सकती है, पर निश्चित तौर पर राष्ट्र विरोधी होने का संकेत नहीं है। 

बरगाड़ी और बहिबल कलां केस में शीर्ष अकाली नेताओं को बचाने के आरोप झेल रहे सीएम ने कहा कि हम कानून विहीन समाज में नहीं रह रहे, यहां सब कानून के तहत ही होगा। राजनीतिक प्रतिशोध किसी भी तरह धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी से कम नहीं है। लोगों ने मुझे उनकी भलाई के काम करने को वोट दिया है, न कि बदला लेने में समय बर्बाद करने में। 

किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा, एसआईटी अपना काम कर रही है। कैप्टन ने दावा किया कि सरकार ने नशा तस्करों की रीढ़ तोड़ दी है। पंजाब से नशों के पूरी तरह से खात्मे के प्रयास किए जा रहे हैं। सरकारी ने रोजाना औसतन आठ सौ लोगों को रोजगार दिया है, जो सबसे बड़ी सफलता है।

अमर उजाला ने पूछे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से सवाल

सवाल : आपकी दो साल की प्रमुख उपलब्धियां क्या हैं?
जवाब – अभी तक जिस तरह से काम कर रहा हूं, संतुष्ट हूं। मैं जानता हूं कि अब भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। हम विधानसभा चुनाव में लोगों से किए अधिकतर वादे निश्चित तौर पर पूरे कर रहे हैं। खास बात यह है कि हमने राजकोषीय संकट के बावजूद यह किया है। पिछली सरकार ने तो खजाना बिल्कुल खाली कर दिया था। 

हमें सत्ता में आए सिर्फ दो साल यानि 40 फीसदी समय हुआ है, अभी 60 प्रतिशत बाकी है। मैं पूरे विश्वास से कह सकता हूं कि हम न केवल उन समस्याओं का अंत करेंगे, जिन्हें लोग दस सालों से झेल रहे थे, बल्कि उन्हें प्रगति और समृद्धि की राह पर ले जाएंगे, जिसके वे हकदार हैं।

सवाल : आम चुनाव अब सिर पर हैं। दो महीने के बाद देश अपना नया प्रधानमंत्री तय करेगा। क्या आप पंजाब या दिल्ली में अपनी जैसी विचारधारा वाले दलों के साथ गठबंधन करना चाह रहे हैं? दूसरा, आपको आसानी से कितनी सीटें जीतने का भरोसा है?

जवाब – पहले मैं आपके दूसरे प्रश्न का उत्तर देना चाहूंगा। मैं पंजाब में कांग्रेस के लिए सभी 13 सीटें जीतने के प्रति आश्वस्त हूं। हमारा प्रदर्शन शिरोमणि अकाली दल और आप, दोनों से कहीं बेहतर है। इस कारण लोग केवल कांग्रेस को ही वोट देंगे। हमने दो सालों में जो कर दिखाया है, उससे लोगों को हम पर विश्वास है। यह विश्वास लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के लिए एक बार फिर से व्यापक जीत में तब्दील होगा। यहां किसी से गठबंधन की कोई जरूरत नहीं है।

सवाल : विधानसभा चुनावों के दौरान आपने कहा था कि अकाली पूरी तरह से दौड़ से बाहर है और लड़ाई कांग्रेस और आप के बीच है। क्या आपको लगता है कि इस बार आम आदमी पार्टी में फूट से यह परिदृश्य बदल जाएगा?

जवाब – मैंने विधानसभा चुनाव से पहले भी कहा था कि आप ताश के पत्तों की तरह ढह गई है, वह गर्त में जा रही है। वह देश के किसी भी हिस्से में लड़े, हर चुनाव को बुरी तरह हार रहे हैं। पंजाब में पार्टी में फूट पड़ चुकी हैं जो दर्शाता है कि चीजें कितनी खराब हैं। वे किसी मुद्दे पर कोई स्टैंड नहीं लेते, हम सभी इसे जानते हैं। 

चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक पहचान के अलावा राजनीतिक स्थिरता और सहानुभूति की जरूरत होती है, जिस पर लोग भरोसा कर सकें और जिससे जुड़ सकें। आप के पास इस समय दोनों चीजें ही नहीं हैं और न ही कुछ हफ्तों में वे इसे पा सकते हैं। असलियत यह है कि अगर वे इसी तरह से चलते रहे तो कभी अपनी खोई जमीन हासिल नहीं कर पाएंगे। अरविंद केजरीवाल के ड्रामे से भी आप को कोई मदद नहीं मिल रही। कम से कम पंजाब में तो नहीं।

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