भारत के महत्वकांक्षी अभियान गगनयान मिशन पर बंगलूरू में बोलते हुए इसरो के प्रमुख के सिवन ने कहा कि गगनयान मिशन केवल मानव को अंतरिक्ष में भेजने के बारे में नहीं है, यह मिशन हमें दीर्घकालिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए एक रूपरेखा तैयार करने का अवसर प्रदान करता है।

इसरो प्रमुख ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि वैज्ञानिक खोज, आर्थिक विकास, शिक्षा, तकनीकी विकास और प्रेरक युवा सभी राष्ट्र के लिए लक्ष्य बन रहे हैं। मानव अंतरिक्ष उड़ान इन सभी उद्देश्यों को पूरा करने के लिए सही मंच प्रदान करती है।
इससे पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बीते एक जनवरी को एलान किया था कि गगनयान कार्यक्रम के लिए चार अंतरिक्ष यात्रियों को चुन लिया गया है और जल्द ही रूस में उनका प्रशिक्षण शुरू हो जाएगा। इन अंतरिक्ष यात्रियों के लिए खाने का मेन्यू भी तैयार हो चुका है।
भारतीय अंतरिक्षयात्रियों के लिए खाने का जो मेन्यू तैयार किया गया है कि उसमें एग रोल्स, वेज रोल्स, इडली, मूंग दाल का हलवा और वेज पुलाव शामिल है। जिसे मैसूर के रक्षा खाद्य अनुसंधान प्रयोगशाला में तैयार किया गया। अतंरिक्षयात्रियों को खाना गर्म करने के लिए फू़ड हीटर्स भी दिए जाएंगे।
इसके अलावा अंतरिक्षयात्रियों को पीने के लिए पानी और जूस दिया जाएगा। चूंकि अतंरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण नहीं होता है इसलिए गगनयान अभियान में जाने वालों के लिए ऐसे विशेष कंटेनर बनाए गए हैं जिनमें वह इसे लेकर जा सकें।
बता दें कि अतंरिक्षयात्रियों का यह खाना एक साल तक चल सकता है। हालांकि एक बार पैकेट खुलने के बाद उसे 24 घंटों के अंदर खाना होगा। इस खाने को आधा खाकर नहीं रखा जा सकता। जब आप पैकेट खोल देते हैं तो ये सामान्य खाने की तरह बन जाता है।
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