गंगा दशहरे के दिन देश के विभिन्न राज्यों से आए श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी सहित अन्य गंगा के घाटों पर पवित्र डुबकी लगाई। संतो के मुताबिक कल एकादशी का स्नान होगा। 
मई मास में गंगा दशहरा अधिमास में होने के कारण संतों ने उसका वरण नहीं किया था। उनके अनुसार गंगा दशहरा अधिमास के बाद जून माह की 22 तारीख को यानि आज है। इसके अगले दिन एकादशी का स्नान होगा और पांचवें दिन गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा।
गंगा दशहरे के मौके पर श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद पुरोहितों की गद्दियों पर जाकर दान पुण्य किया। गंगा के नियत घाटों पर श्राद्ध तर्पण संपन्न कराए गए। सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन भी सतर्कता बरते हुए है।
गंगा घाट हर हर गंगे के जयघोष से गूंजते रहे।
गंगा दशहरे का स्नान तड़के से प्रारंभ हो गया था। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, वैसे वैसे गंगा के घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती गई।
स्नान के बाद श्रद्धालु कुशावर्त और नारायणी शिला जाकर श्राद्ध कर्म संपन्न कराते नजर आए। गंगा दशहरे के दिन पितृ तर्पण का विशेष महत्व है। अनेक घाटों पर अंजुली में गंगा जल भरकर श्रद्धालु तर्पण करते नजर आए। स्नान के बाद श्रद्धालु उगते सूर्य को अर्घ्य प्रदान भी किया गया।
गंगा के घाटों पर भक्तों ने पुरोहितों और पंडितों से धरती पर गंगा अवतरण की कथा भी सुनी। सुरक्षा के खासा इंतजाम किए गए है। हरकी पैड़ी, सुभाष घाट, लोकनाथ घाट, कुशावर्त घाट सहित अन्य गंगा घाटों पर पुलिस बल के साथ ही गोताखोर तैनात हैं।
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