सिक्योरिटी गार्ड का काम करने वाले शोभाकांत उपाध्याय के लिए 12 दिसंबर का दिन खुशियां लेकर आया। शोभाकांत चंडीगढ़ के दड़वा में कभी एक कमरे में अपने तीन बच्चों के साथ रहते थे। उनका सबसे छोटा बेटा सोनूकांत उपाध्याय सेना में लेफ्टिनेंट बन गया है।

देहरादून में 12 दिसंबर को इंडियन मिलिट्री अकादमी में पासआउट परेड में दड़वा के सोनूकांत उपाध्याय को लेफ्टिनेंट बनाया गया। दड़वा के छोटे से मकान से सेना में नौकरी तक का सफर सोनूकांत के लिए बेहद कठिन रहा, लेकिन उनके इरादे हमेशा से ही बड़े थे। कड़े परिश्रम से उन्हें ऑफिसर रैंक का पद मिला। इस बात से गांव दड़वा और सोनूकांत के परिवार में खुशी का माहौल बना हुआ है।
सोनूकांत का परिवार गांव दड़वा में किराए के छोटे से मकान में रहते थे। वे तीन भाई हैं और पिता पहले चंडीगढ़ में सिक्योरिटी गार्ड का काम करते थे। मूलरूप से सोनूकांत का परिवार बिहार के सीवान जिले का रहने वाला है।
सोनूकांत दड़वा में 17 साल तक अपने परिवार के साथ एक कमरे में रहे। इस कमरे का किराया सौ रुपये था। अब सोनूकांत का 150 गज में बना अपना मकान है। बड़े भाई चीनूकांत एक बिल्डर के पास काम करते हैं। बीच वाले भाई मोनूकांत उपाध्याय का स्टील और सीमेंट सरिया का बिजनेस है।
सोनूकांत ने बताया कि वह जम्मू के राजौरी में इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियरिंग (ईएमई) में बतौर सैन्य अफसर ज्वाइन करेंगे। उन्होंने गरीबी में अपने पिता के संघर्ष को देखा है। अब मेरी बारी है, अपने माता पिता को सुख की जिदंगी बिताने में पूरा सहयोग दूं।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal