खुशखबर: चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने दिल्ली को दिया बड़ा तोहफा, पढ़ें पूरी खबर

खुशखबर: चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने दिल्ली को दिया बड़ा तोहफा, पढ़ें पूरी खबर

लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले केंद्र सरकार ने दिल्ली को दो बड़ा तोहफा दिया है। दिल्ली की 30 फीसदी वाली अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के मानक तैयार करने के लिए केंद्र सरकार ने उपराज्यपाल की अध्यक्षता में दस सदस्यीय एक कमेटी का गठन किया है। वहीं, दिल्ली सरकार की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए केंद्र सरकार ने मेट्रो फेज चार की तीन लाइनों के निर्माण को मंजूरी भी दे दी है। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी का कहना है कि दोनों प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद दिल्ली की बड़ी आबादी की जिंदगी आसान हो जाएगी।खुशखबर: चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने दिल्ली को दिया बड़ा तोहफा, पढ़ें पूरी खबर

एलजी की अध्यक्षता में कमेटी 90 दिन में देगी रिपोर्ट
केंद्र सरकार ने अनधिकृत कॉलोनियों का नियमित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इन कॉलोनियों में दिल्ली की करीब तीस फीसदी आबादी रहती है। इन लोगों को मकान पर मालिकाना हक व संपत्तियों के खरीद-फरोख्त का अधिकार दिलाने की प्रक्रिया तय करने के लिए उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है। 90 दिन के भीतर कमेटी अपनी सिफारिशें देगी। इसके आधार पर केंद्र सरकार अनधिकृत कॉलोनियों के लिए विनिमय तय करेगी।

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी का कहना है कि 2008 से आज तक दिल्ली की एक भी कालोनी नियमित हुई। इसकी वजह अनधिकृत कालोनियों की मैपिंग का न हो पाना रहा। मैपिंग न होने से दूसरे जरूरी आंकड़े भी नहीं मिल सके हैं। इसके लिए उनके मंत्रालय ने दिल्ली सरकार से कई बार संपर्क किया। दिल्ली सरकार ने मैपिंग के लिए दो साल का वक्त 2017 में मांगा था। लेकिन पिछले दिनों बताया गया कि उन्हें अभी तक इसके लिए एजेंसी ही नहीं मिली है। अब इसके लिए उसे दो साल अतिरिक्त चाहिए। ऐसे हालात में केंद्र ने तय किया है कि वह अपनी तरफ से इस दिशा में पहल करेगी।

हरदीप सिंह पुरी के मुताबिक, कमेटी कालोनियों को मालिकाना हक दिलाने की प्रक्रिया तय करने पर सिफारिश देगी। वहीं, इसका काम इन क्षेत्रों के शहरी नियोजन, पुनर्विकास आदि से जुड़ी जरूरतों पर भी सलाह देना है। दूसरी तरफ सभी संबंधित एजेंसियों की जिम्मेदारी भी कमेटी तय कर करेगी। 90 दिन के भीतर कमेटी को अपनी रिपोर्ट तैयार करनी है। इसके आधार पर सरकार कॉलोनियों को नियमित करने का काम करेगी। चुनाव से चंद दिनों पहले किए जा रहे इस एलान पर पुरी का है कि इसका चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है।

नियमित होने में फंसा पेंच 

अनाधिकृत कॉलोनी नियमन के लिए कानून केंद्र सरकार को बनाने हैं। लेकिन इसके लिए करीब 1600 कॉलोनियों की बाउंड्री तय करने के लिए मैपिंग होनी है। बगैर इसके केंद्र सरकार कॉलोनियों के लिए नक्शा पास करने और रजिस्ट्री कराने से जुड़ा कानून नहीं बना सकती। केंद्र की तरफ से नए विनियमों की स्वीकृति व अधिसूचना जारी होने के बाद ही अनधिकृत कालोनियों का नियमन हो सकता है।

…इसलिए अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने की जरूरत
दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग का कहना है कि अनाधिकृत कालोनियों में सरकार अभी सड़क, नाली, पानी, सीवर और स्ट्रीट लाइट लगवा सकती है। बाकी नागरिक सुविधाओं के लिए कालोनियों के नियमन का इंतजार करना होगा। सुविधाओं के विकास के लिए सरकार जमीन अधिग्रहण नहीं कर सकती। वहीं, कालोनियों में मकान का ले-आउट प्लान व नक्शा नहीं बन सकता। इसके अलावा अपने मकान का मालिकाना हक नहीं मिलता। इसकी जगह कच्ची कालोनियों में पावर ऑफ अटार्नी ही संभव है।

अरविंद केजरीवाल बोले
भाजपा को कच्ची कालोनियों की याद आज आयी? 2014 चुनाव से पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका वायदा किया था? 20 साल से भाजपा व कांग्रेस कच्ची कालोनियों के साथ यही धोखा कर रही है। हर चुनाव से पहले वायदा दुहरा दिया जाता है। लेकिन चुनाव के बाद सब भूल जाते हैं।

दिल्ली मेट्रो के फेज-चार को केंद्र ने दी मंजूरी

केंद्रीय कैबिनेट ने बृहस्पतिवार को दिल्ली मेट्रो फेज चार की मंजूरी दे दी है। हालांकि, केंद्र सरकार ने फेज-चार के छह कारीडोर में से तीनों पर ही आगे बढ़ने का फैसला किया है। इनकी लम्बाई करीब 61 किमी होगी। पांच साल के प्रोजेक्ट के तैयार होने के बाद दिल्ली मेट्रो की सभी लाइनें एक साथ जुड़ जाएंगी। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के मुताबिक, इससे दिल्ली की सड़कों पर वाहनों का दबाव कम होगा। इसका सीधा असर वायु प्रदूषण को सीमित करने पर पड़ेगा।

मंत्रालय अधिकारियों के मुताबिक, करीब 63 किमी लंबी तीनों लाइनों का 22 किमी अंडरग्राउड व करीब 39 किमी एलिवेटेड होगा। वहीं, करीब 24,948.65 करोड़ रुपये से बनने वाली लाइनों पर 46 स्टेशन होंगे। इनमें से 17 स्टेशन अंडरग्राउंड व 29 स्टेशन एलिवेटिड बनेंगे। इसके खर्च पर 50:50 फीसदी हिस्सेदारी केंद्र व दिल्ली सरकार की होगी।

हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि मेट्रो फेज चार 2014 लंबित पड़ा हुआ है। दिल्ली सरकार की तरफ से लगातार इसमें अवरोध खड़ा किया जाता है। अब पिछले प्रस्ताव में भी दिल्ली सरकार ने मेट्रो परिचालन में होने वाले नुकसान पर 50:50 फीसदी केंद्र व दिल्ली पर डाली है। जबकि पहले के सभी फेज में नुकसान की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार पर होती थी। पुरी के मुताबिक, दिल्लीवालों की सहूलियत के लिए केंद्र ने आगे बढ़ने का फैसला किया है। बाकी तीन कारीडोर के बारे में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि आगे इन लाइनों को भी मंजूर किया जाएगा।

मिलेगा फायदा:
-मेट्रो लाइन का होगा विस्तार, सभी लाइनें आपस में जुड़ेंगी, बनेंगे ज्यादा इंटरचेंज, मिलेगी दिल्लीवालों को सहूलियत।
-सड़क पर वाहनों का दबाव होगा कम, वायु प्रदूषण में आएगी कमी।
-तुगलकाबाद-एयरोसिटी कॉरिडोर से हवाई अड्डे तक पहुंचना होगा आसान।
-पांच साल में प्रोजेक्ट पूरा होने से मेट्रो का नेटवर्क होगा 400 किमी के पार।

फेज चार की तीन लाइनें
. एयरो सिटी से तुगलकाबाद-15 स्टेशन (एयरोसिटी, महिपालपुर, वसंत कुंज सेक्टर डी, मसूदपुर, किशनगढ़, महरोली, लाडोसराय, साकेत, साकेत जी ब्लॉक, अम्बेडकर नगर, खानपुर तिगड़ी, आनंदमयी मार्ग जंक्शन, तुगलकाबाद रेलवे कॉलोनी, तुगलकाबाद)
-आर के आश्रम से जनकपुरी वेस्ट: 25 स्टेशन (आर के आश्रम, मोतिया खान, सदर बाजार, पुलबंगश, घंटाघर/सब्जी मंडी, राजपुरा, डेरावाल नगर, अशोक विहार, आजादपुर, मुकुंदपुर, भलस्वा, मुकरबा चौक, बादली मोड, नॉर्थ पीतमपुरा, प्रशांत विहार, मधुबन चौक, दीपाली चौक, पुष्पांजलि एंक्लेव, वेस्ट एंक्लेव, मंगोलपुरी, पीरागढ़ी चौक, पश्चिम विहार, मीरा बाग, केशव पुर, कृष्ण पार्क एक्सटेंशन, जनकपुरी वेस्ट)।
मौजपुर से मुकुंदपुर: 6 स्टेशन (यमुना विहार, भजनपुरा, खजूरी खास, सूर घाट, जगतपुर गांव, बुराड़ी)।

अरविंद केजरीवाल बोले:
दिल्लीवाले मेट्रो फेज चार के छह कारीडोर में से तीन को मंजूर किए जाने पर नाखुश हैं। केंद्र सरकार दिल्लीवालों के इतना खिलाफ क्यों है। मोदी सरकार हर प्रोजेक्ट में क्यों बाधा डाल रही है। दिल्ली देश की राजधानी है। इसके विकास में किसी तरह के राजनीति नहीं होनी चाहिए।

दिल्ली मेट्रो को मिलेंगे आठ लाख नए यात्री

दिल्ली मेट्रो के फेज चार के तीन कॉरिडोर पूरे होने से आठ लाख नए यात्री सफर कर सकेंगे। इसमें से दो कॉरिडोर दिल्ली की सबसे घनी आबादी वाले इलाकों से होकर गुजरेंगे। जबकि एक कॉरिडोर दक्षिणी सीमा से सटे इलाकों को दिल्ली के दूसरे हिस्से से मेट्रो नेटवर्क के जरिये जोड़ेगी। तीनों कॉरिडोर दिल्ली के नबी करीम, यमुना विहार, श्रीराम कॉलोनी, बुराड़ी, मुकरबा चौक, सदर बाजार, आजाद मार्केट, खजूरी खास, बदरपुर, तिगड़ी जैसे घनी आबादी वाले मेट्रो नेटवर्क से जुड़ जाएंगे।

दिल्ली सरकार की तीन शर्तों से अटका तीन कॉरिडोर
1. मेट्रो फेज चार परियोजना की कुल लागत 46,845 करोड़ है। इसमें दिल्ली सरकार की हिस्सेदारी 9707.50 करोड़ रुपये होगी।
2. परियोजना में परिचालन में होने पर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच 50-50 के अनुपात में वहन किया जाएगा। पहले के तीन फेज में यह शर्त न होने से केंद्र सरकार को इस पर आपत्ति थी।
3. हालांकि, पब्लिक इनवेस्टमेंट बोर्ड से मंजूर प्रोजेक्ट में नुकसान की भरपाई दिल्ली मेट्रो करेगी। दिल्ली मेट्रो के पास बजट न होने से दिल्ली सरकार को इसका वहन करना होगा। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मानते हैं कि दिल्ली की शर्तों को केंद्र ने किनारे कर दिया है।

फेज चार के मंजूर किए गए तीन कॉरिडोर
कॉरिडोर                                 किलोमीटर        
मुंकुदपुर-बुराड़ी-मौजपुर                 12.54           
आरके आश्रम से जनकपुरी वेस्ट      28.92           
एरोसिटी-साकेत-तुगलकाबाद          20.20           

अभी तक जिन तीन कॉरिडोर को नहीं मिली मंजूरी
इंद्रलोक-दिल्लीगेट-इंद्रप्रस्थ           12.58           
लाजपत नगर-साकेज जी ब्लॉक       7.96            
रिठाला-बवाना-नरेला                     21.73           

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