14 मार्च को जीएसटी परिषद (GST Council) की मीटिंग होने वाली है. इस बैठक में मोबाइल फोन, जूता-चप्पल और कपड़ा जैसे प्रोडक्ट के सस्ते होने की उम्मीद की जा रही है. दरअसल, लंबे समय से इन प्रोडक्ट्स की जीएसटी दर को घटाए जाने की मांग हो रही है. इसके साथ ही नए रिटर्न फाइल करने की व्यवस्था तथा ई-इनवॉयस के इम्प्लीमेंटेशन को टाले जाने की संभावना है.
अभी हैं ये चार्जेज
अभी मोबाइल फोन पर 12 प्रतिशत शुल्क है जबकि इसके कुछ कच्चे माल पर जीएसटी 18 प्रतिशत है. जूते चप्पल के मामले में काउंसिल ने 1,000 रुपये मूल्य के उत्पाद पर पिछले साल जून में कटौती की थी और यह 5 प्रतिशत पर आ गया था. वहीं इससे अधिक मूल्य के जूते-चप्पल पर जीएसटी 18 प्रतिशत है. हालांकि इस क्षेत्र में उपयोग होने वाले कच्चे माल पर जीएसटी दर 5 से 18 प्रतिशत है. वहीं टेक्सटाइल क्षेत्र पर जीएसटी 5, 12 और 18 प्रतिशत है. इससे निर्यातकों द्वारा रिफंड के दावे और उसे जारी करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है.
एक अधिकारी के मुताबिक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में परिषद की बैठक में जीएसटी नेटवर्क पोर्टल पर परिचालन संबंधी खामियों पर चर्चा होने की उम्मीद है. बैठक में इन्फोसिस से इसके समाधान की योजना की मांग की जा सकती है. सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी इन्फोसिस को 2015 में जीएसटीएन नेटवर्क के तकनीकी प्रबंधन का ठेका दिया गया था.
इसके अलावा राजस्व संग्रह बढ़ाने के बारे में भी चर्चा होगी क्योंकि केंद्र ने राज्यों को यह साफ कर दिया है कि उसके पास राज्यों के पास जीएसटी के इम्प्लीमेंटेशन के कारण राजस्व नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए कोष नहीं है. परिषद जीएसर्ट ई-वे बिल प्रणाली के एनएचएआई (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) के फास्टैग व्यवस्था के अप्रैल से एकीकरण पर भी चर्चा करेगी. इससे वस्तुओं की आवाजाही तथा जीएसटी चोरी पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी. इसके अलावा जीएसटी पंजीकृत करदाताओं के आधार के तहत सत्यापन की तैयारी पर भी चर्चा की जाएगी. बैठक में जीएसटी के तहत प्रस्तावित लॉटरी योजना पर भी चर्चा होने की संभावना है. इसे एक अप्रैल से लागू करने का प्रस्ताव है