नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सभी ने अपनी कमर कस ली है। केंद्र की बीजेपी सरकार को टक्क्र देने के लिए विपक्ष भी पूरी तरह से तैयार है। हर पार्टी अपने नेता को राष्ट्रपति पद पर बिठाना चाहती है। पिछले चुनावों में बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद मोदी सरकार का पलड़ा भारी दिख रहा है। लेकिन अब राष्ट्रपति पद को लेकर एक नया खुलासा हुआ है। महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी ने यह खुलासा किया है कि तमाम विपक्षी दलों के नेताओं ने उन्हें आगामी राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनाने के लिए उनसे बातचीत की थी।

राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाने के लिए सोनिया गांधी ने की थी बातचीत
हालांकि, उन्होंने साथ में यह भी कहा कि बातचीत बेहद शुरुआती दौर में ही हुई थी और मुद्दे को लेकर विस्तार से कोई चर्चा नहीं हुई थी। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी और सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने गांधी को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाने के लिए उनसे बातचीत की थी, लेकिन गांधी ने प्रस्ताव मानने से इंकार कर दिया।
पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार का भी नाम सामने आया था
वहीं, खबरों के मुताबिक यह जानकारी भी सामने आ रही है कि विपक्षी दलों की तरफ से साझा उम्मीदवार की घोषणा करने को लेकर दो नामों पर विचार किया जा रहा था। इनमें से एक था गोपाल कृष्ण गांधी और दूसरा था पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार का, लेकिन कई विपक्षी दल कांग्रेस के नेता को उम्मीदवार बनाए जाने के पक्ष में नहीं हैं। बता दें गांधी के नाम पर चर्चा बीते महीने तब शुरू हुई जब सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कांग्रेस से मुलाकात की थी।
बता दें इससे पहले महाराष्ट्र की पार्टी एनसीपी के प्रमुख शरद पवार का नाम भी राष्ट्रपति पद के लिए सामने आया था। दिनों शिवसेना ने शरद पवार को सर्वसम्मत उम्मीदवार के रूप में पेश करने की बात कही थी। शिवसेना ने राष्ट्रपति पद के लिए पवार को सर्वसम्मत उम्मीदवार के रूप में पेश करते हुए कहा था कि भाजपा को भी उनको (शरद पवार को) समर्थन देना चाहिए। राउत ने कहा था कि शरद पावर काबिल हैं और काबिल राष्ट्रपति भी बन सकते हैं।
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