दिल्ली के कश्मीरी गेट के पास सिटी वॉल से समांतर एक खाई (मोट) मिली है. बताया जा रहा है कि यह खाई मुगलकालीन है. जिसे मुगल शासक शाहजहां ने बनवाया था.
इसका खुलासा उस वक्त हुआ जब सिटी वॉल की सुरक्षा के लिए दीवार बनाने का काम चल रहा था. खुदाई के दौरान अचानक जमीन धंसी तो सब हैरान रह गए. लोगों ने देखा कि सतह से करीब 20 फीट नीचे और 12 मीटर चौड़ी खाई है.
आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) के मुताबिक, मुगलों के दौर में सिटी वॉल, शाहजहांनाबाद शहर की सुरक्षा के लिए बनाई गई दीवार थी. इसे मुगल शासक शाहजहां ने बनवाया था. आज भी इस दीवार के कुछ हिस्से कहीं-कहीं मौजूद हैं. फिलहाल इनकी देखरेख आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया करता है.
एएसआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘सिटी वॉल को सुरक्षित करने के लिए इसके चारों ओर दीवार बनाकर ग्रिल लगाने के लिए काम किया जा रहा है. इसी कड़ी में खुदाई में करीब 20 फीट नीचे खाई का पता चला. कई जगह दरवाजे नुमा घुमावदार आर्क भी हैं.’
माना जाता है कि मुगलकाल में आक्रमणकारी आसानी से शहर के अंदर घुस न पाएं, इस कारण इसे बनाया गया था. इसी तरह की खाई लाल किले की बाहरी दीवारों के साथ भी बनाई गई थी. इसे बनाने का उद्देश्य मुख्यत: सुरक्षा ही था.
इन खाइयों की सबसे खास बात यह थी कि इनमें यमुना से पानी लाने का भी इंतजाम किया गया था. कहा जाता है कि इस खाई को इस तरह बनाया गया था कि हमले के वक्त दुश्मन पानी से भरी खाई को पार नहीं कर पाते थे.
गौरतलब है कि सिटी वॉल के बचे हिस्से को सुरक्षित रखने के लिए एएसआई काम कर रहा है. इसके बावजूद यहां अतिक्रमण नहीं हटाया जा सक रहा है. एएसआई की योजना इसके आसपास के इलाके को विकसित करने की है.
क्या रहा है इतिहास…
सन् 1638 में मुगल बादशाह शाहजहां ने शाहजहांनाबाद की नींव रखी थी. उन्होंने आगरा की जगह अपनी राजधानी दिल्ली को बनाया. करीब 10 साल में यह तैयार हुआ. सन् 1857 तक यह मुगल साम्राज्य की राजधानी रही. शहर की सुरक्षा के लिए चारों ओर से दीवार बनाई गई थी. यह दीवार अब सिटी वॉल के नाम से जानी जाती है.
कहा तो यह भी जाता है कि इस शहर के 14 गेट थे. इन्हीं में से एक कश्मीरी गेट के पास सिटी वॉल के समांतर खाई होने का पता चला है.
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal