इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) टीमें भी फिटनेस को लेकर गंभीर हो चुकी हैं. फ्रेंचाइजी किसी भी कीमत पर अपने खिलाड़ियों की फिटनेस से समझौता करने के मूड में नहीं है.
अब आईपीएल में भी टीम इंडिया की तर्ज पर यो-यो टेस्ट लाई जाएगी. पिछले साल भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने खिलाड़ियों की फिटनेस परखने के लिए इस विशेष टेस्ट को अनिवार्य कर दिया था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पिछली चैंपियन मुंबई इंडियंस ने यो-यो टेस्ट को लागू भी कर दिया है. उसने पिछले दिनों मुंबई के बाहरी इलाके में खिलाड़ियों की फिटनेस की जांच की.
बताया जाता है कि मुंबई ही नहीं, विराट की कप्तानी वाली रॉयल चैलंजर्स बेंगलुरू के अलावा किंग्स इलेवन पंजाब और राजस्थान रॉयल्स ने भी अपने खिलाड़ियों के लिए फिटनेस टेस्ट से गुजरना अनिवार्य कर दिया है.
इस बीच, सनराइजर्स हैदराबाद, कोलकाता नाइट राइडर्स, दिल्ली डेयरडेविल्स और चेन्नई सुपर किंग्स ने अपने खिलाड़ियों के लिए अधिक परंपरागत फिटनेस टेस्ट का विकल्प चुना है.
आखिर क्या है यो-यो टेस्ट
अब जरा ‘यो-यो’ परीक्षण को भी समझ लें. कई ‘कोन’ की मदद से 20 मीटर की दूरी पर दो पंक्तियां बनाई जाती हैं. एक खिलाड़ी रेखा के पीछे अपना पांव रखकर शुरुआत करता है और निर्देश मिलते ही दौड़ना शुरू करता है. खिलाड़ी लगातार दो लाइनों के बीच दौड़ता है और जब बीप बजती है, तो उसने मुड़ना होता है.
हर एक मिनट या इसी तरह से तेजी बढ़ती जाती है. अगर समय पर रेखा तक नहीं पहुंचे तो दो और ‘बीप’ के अंतर्गत तेजी पकड़नी पड़ती है. अगर खिलाड़ी दो छोरों पर तेजी हासिल नहीं कर पाता है, तो परीक्षण रोक दिया जाता है. यह पूरी प्रक्रिया सॉफ्टवेयर पर आधारित है, जिसमें नतीजे रिकॉर्ड किए जाते हैं.
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