भारत में प्रतिबंधित खालिस्तान समर्थक आतंकी गुट सिख फॉर जस्टिस को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। सिख फॉर जस्टिस ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) को 10 हजार डॉलर (करीब 7 लाख रुपये) का चंदा दिया था। अब यह खालिस्तानी संगठन किसान आंदोलन के दौरान हुए कथित दुर्व्यवहार की जांच कराने के लिए यूएन पर आयोग गठन करने के लिए दबाव बना रहा है। संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकारों के लिए हाई कमिश्नर के प्रवक्ता ने सिख फॉर जस्टिस से चंदा लेने की पुष्टि की है।
मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र ने सिख फॉर जस्टिस संगठन से 10 हजार डॉलर यानी लगभग सात लाख रुपये का चंदा लिया। अब यह आतंकी गुट यूएन पर दबाव बना रहा है कि वह भारत में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुए कथित दुर्व्यवहार की जांच के लिए ‘एक जांच आयोग’ का गठन करे।
बता दें कि अमेरिका में रहने वाले सिख फॉर जस्टिस के महासचिव गुरपतवंत सिंह पन्नून ने अपने एक बयान में कहा, सिख समुदाय की ओर 13 लाख डॉलर देने का वादा किया गया है ताकि संयुक्त राष्ट्र की ओर से जांच आयोग का गठन किया जा सके। यह आयोग भारत की ओर से किसानों के खिलाफ लगाए गए राष्ट्रद्रोह और हिंसा के आरोपों की जांच करेगा।
यूएन प्रवक्ता ने कहा, ”हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि हमें एक मार्च को सिख फॉर जस्टिस के लोगों से ऑनलाइन 10 हजार डॉलर चंदा मिला है। आमतौर हम उन लोगों या संस्थाओं के चंदे को तब तक अस्वीकार नहीं करते हैं, जब तक कि उन्हें संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिबंधित न कर दिया गया हो।” प्रवक्ता ने आगे कहा कि भारत के खिलाफ इस तरह के किसी जांच आयोग की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि सिख फॉर जस्टिस को इस बारे में बता दिया गया है और अगर उन्हें कोई गलतफहमी है तो उनके 10 हजार डॉलर के चंदे को लौटाया जा सकता है।
भारत सरकार ने खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह को आतंकी घोषित कर रखा है। कहा जा रहा है कि पन्नून सिखों को लेकर जनमत संग्रह करा रहा है। उसने कहा, ‘जहां तक मेरी जानकारी है, संयुक्त राष्ट्र ने आयोग की स्थापना नहीं की है, लेकिन हम इस पूरे मामले को संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकारों के लिए बनाए गए हाई कमिश्नर कार्यालय के जरिये उठा रहे हैं।’
बता दें कि यूएन जांच आयोग का गठन अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों के गंभीर उल्लंघन की स्थिति की जांच के लिए किया जाता है। इस तरह की जांच के लिए आयोग का गठन सीरिया में भी किया गया है।