खारुन नदी के पानी की गुणवत्ता का स्तर पहुंच गया खतरनाक स्थिति में, दो साल में नहीं लग पाया एसटीपी

खारुन नदी के पानी की गुणवत्ता का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। इसमें शहर के 16 नालों का पानी गिर रहा है। इसे रोकने के लिए पांच साल पूर्व बनी कार्य योजना आज तक मूर्त रूप नहीं ले सकी। जबकि इसके लिए कई बार टेंडर हुए, लेकिन एसटीपी के मॉडल ही क्लीयर नहीं हो पाए। अधिकारियों की दलील है कि एसटीपी के मॉडल यानी तकनीकी रूप से मानक पर सही नहीं उतरे। इस वजह से प्रोजेक्ट में लेटलतीफी जारी है। नगरीय निकाय प्रशासन ने अमृत मिशन के तहत 235 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है। एनजीटी के निर्देश के बाद भी दो साल में खारुन में गिर रहे नालों के मुहाने पर एसटीपी लगाने का काम पूरा नहीं हो सका।

इधर बीच नागपुर की एक कंपनी को शहर के 16 नालों को तीन स्थानों पर मिलाने की जिम्मेदारी दी गई है। अभी नालों जोड़ने का काम काफी धीमी गति से चल रहा है। चंदनडीह, कोरा और भाठागांव में एसटीपी प्लांट लगाए जाने हैं।

चंदनडीह, कारा व निमोरा में नालों के पानी का होगा शुद्घिकरण

चंदनडीह व कारा और भाठागांव में 16 नालों के पानी को यहां तक लाया जाएगा। जहां इन्हें एक जगह इकठ्ठा करने के बाद सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में शुद्घिकरण किया जाएगा। इसके बाद इन्हें खारुन नदी में शुद्घ करने के बाद छोड़ा जाएगा।

दो प्लांट की इतनी रहेगी क्षमता

1-चंदनडीह में 75 एमएलडी क्षमता का प्लांट

2- कारा में 35 एमएलडी

3-निमोरा में 90 एमएलडी

भाठागांव में साढ़े ग्यारह किमी तक पाइप बिछाने का काम अधूरा

भाठागांव में शहर के प्रमुख ड्रेनेज और नालों को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक लाने के लिए साढ़े ग्यारह किलोमीटर तक पाइप लाइन का काम अभी अधूरा है। जबकि इसे सालभर पूर्व ही पूरा किया जाना था। इसके लिए नागपुर की एक कंपनी को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

इसलिए एनजीटी ने बताई थी जरूरत

1-खारुन के नदी के पानी का स्तर खतरनाक

2-इसमें मिट्टी, धातु व क्लोरिन की मात्रा मानक से अधिक

3-खारुन नदी की तलहटी में जमा हो रही गंदी मिट्टी

4-इसमें अब दुर्गंध भी उठने लगने लगी है

5-कुटीर और अन्य कल कारखानों का पानी भी गिर रहा

खारुन से ही शहर को पानी की आपूर्ति

खारुन नदी के पानी से ही शहर में नगर निगम पानी की आपूर्ति करता है। कुछ स्थानों पर ही बोरिंग है। यानी नालों के गंदे पानी को शुद्घ कर इसमें छोड़ने पर पेयजल की शुद्घता बढ़ेगी। करीब 12 लाख की आबादी को शुद्घ पानी तो मिलेगा ही खारुन के वजूद को कुछ हद तक बचाया जा सकता है।

इतना पानी गिरता है खारुन में

समय लीटर प्रति सेकंड

सुबह 7 बजे 100.40

सुबह 9 बजे 83.60

दोपहर एक बजे 79.20

शाम 3 बजे 69.20

शाम 5 बजे 59.20

शाम 6 बजे 59.20

नालों को जोड़ने का काम शुरू हो चुका है। इसके लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तक पाइप लाइन बिछाने का काम चल रहा है।

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