खरमास में सूर्य आराधना का विशेष महत्व: धर्म

सूर्य को सृष्टि में तेज का प्रतीक माना जाता है। शास्त्रोक्त मान्यता है कि सूर्यदेव की उपासना से यश,कीर्ति, वैभव और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।

इसलिए सूर्य उपासना का बड़ा महत्व बताया गया है। खरमास या मलमास सूर्य से संबंधित है इसलिए इन दिनों में सूर्य उपासना के साथ दान, धर्म और उपासना का विशेष महत्व बतलाया गया है। 14 मार्च को सूर्यदेव मीन राशि में प्रवेश करेंगे इसलिए 14 मार्च से लेकर 13 अप्रैल तक खरमास रहेगा।

खरमास के दिनों में दान पुण्य का विशेष महत्व है इसलिए इन दिनों में किया गया दान का विशेष फल प्राप्त होता है। इसलिए खरमास के दौरान जितना संभव हो सके गरीबों, असहायों और जरूरतमंदों को दान करें।

खरमास में सूर्य आराधना का विशेष महत्व है। इसलिए इन दिनों सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान आदि से निवृत्त होकर सूर्य को अर्घ्य दें और सूर्य आराधना करें ।

सूर्य आदित्य स्त्रोत और सूर्य मंत्रों का जाप करें। गर्मी का दौर शुरू हो चुका है इसलिए गाय को हरा चारा खिलाएं, गौसेवा करे और पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था करें। इससे शुभ फल की प्राप्ति होती है।

खरमास के दौरान शुभ कार्यों का निषेध बताया गया है। इसलिए इन दिनों में मांगलिक कार्य जैसे विवाह, सगाई, गृह निर्माण, गृह प्रवेश, नए कारोबार का प्रारंभ आदि कार्य नहीं करना चाहिए।

मान्यता है कि इन दिनों मे प्रारंभ किए गए काम का अच्छा फल प्राप्त नहीं होता है। इसलिए खरमास या मलमास के दिनों में किसी भी शुभ कार्य को करने से परहेज करें और ज्यादा से ज्यादा समय उपासना में बिताएं।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com