क्रिकेट के जुनून के लिए त्यागी सरकारी नौकरी, जानें BCCI के नए सचिव बने देवजीत की सैलरी?

Devajit Saikai Salary Per Day जय शाह के बाद BCCI को अब नया सचिव मिल गया है। असम से ताल्लुक रखने वाले देवजीत सैकिया बीसीसीआई के नए सेक्रेटरी बने हैं। जय शाह के 1 दिसंबर 2024 से आईसीसी के नए चेयरमैन बनने के बाद से बीसीसीआई के अंतरिम सचिव के रूप में देवजीत काम कर रहे थे लेकिन अब उन्हें बीसीसीआई ने फुलटाइम जिम्मेदारी सौंप दी हैं।

असम के पूर्व क्रिकेटर देवजीत सैकिया को बीसीसीआई के नए सचिव के तौर पर नियुक्त किया गया है। उन्होंने जय शाह की जगह ली है। बता दें कि 1 दिसंबर 2024 से जय शाह ने आईसीसी के चेयरमैन की कुर्सी को संभाला और तब से बीसीसीआई के अंतरिम सेक्रेटरी की जिम्मेदारी देवजीत सैकिया को दी गई। अब बीसीसीआई ने उन्हें फुलटाइम बीसीसीआई का नया सचिव बना दिया हैं।

देवजीत के नए बीसीसीआई सेक्रेटरी बनने के बाद उनकी सैलरी को लेकर चर्चा काफी तेज हो गई है। बता दें कि बीसीसीआई सेक्रेटरी की नौकरी में कभी भी एक तय सैलरी नहीं मिलती हैं।

फिर चाहें अध्यक्ष, उप-अध्यक्ष की ही क्यों ना बात हो। ये सभी ‘मानद’ पद के तहत आते हैं, इसलिए इन पदकों पर काम करने वाले लोगों को बोर्ड की तरफ से काम करने के लिए खर्चा प्राप्त होता है। कामकाज के दौरान इन्हें कई तरह के भत्ते और खर्चे दिए जाते हैं।

BCCI के नए सचिव Devajit Saikia को कितनी सैलरी मिलेगी?
दरअसल, बीसीसीआई के नए सेक्रेटरी देवजीत सैकिया (BCCI New Secretary Devajit Saikia Salary) को हर दिन करीब 84 हजार रुपये मिलेंगे। यह वह रकम है जो उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मीटिंग और दौरों पर जाने के लिए मिलेगी। जहां तक भारत के अंदर मीटिंग की बात है, तो उसके लिए हर दिन उन्हें 40 हजार रुपये दिए जाएंगे और साथ ही बिजनेस क्लास में जर्नी का मौका मिलेगा।

देवजीत सैकिया ने छोड़ी सरकारी नौकरी
देवजीत सैकिया असम से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने हाल ही में जय शाह को रिप्लेस कर बीसीसीआई के सचिव का पद संभाल लिया हैं। सैकिया असम के पूर्व क्रिकेटर रहे हैं। उनका क्रिकेट करियर ज्यादा लंबा तो नहीं रहा, लेकिन इस खेल से उनका खास लगाव हमेशा से ही रहा हैं।

एक विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में देवजीत ने 1990-1991 के बीच असम के लिए 4 प्रथम श्रेणी मैच खेले, जिसमें उनके बल्ले से 53 रन निकले। इस दौरान उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 54 का रहा और उन्होंने इस दौरान आठ कैच और एक स्टंपिंग की।

सैकिया ने अपना आखिरी रणजी मैच 1997 में खेला था और 6 साल बाद वह जब 21 साल के थे, तब उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक में अपनी नौकरी छोड़ दी और कानून के क्षेत्र में अभ्यास शुरू किया। बता दें कि देवजीत सैकिया पेशे से वकील हैं और उनको प्रशासनिक अनभव रहा हैं।

हालांकि, उनका क्रिकेट से संबंध बना रहा, क्योंकि वह राज्य में कई टूर्नामेंट और क्लब मैचों में हिस्सा लेते रहे और साथ ही भारतीय वकीलों की टीमों के लिए खेलते रहे।

उनके करियर में एक अहम मोड़ तब आया जब उनके खिलाफ असम क्रिकेट संघ ने धन की हेराफेरी का आरोप लगाया। 2016 में सैकिया एसीए के उपाध्य बने और साल 2019 में उन्हें एसीए का सचिव बनाया गया। 2022 में उनकी एंट्री बीसीसीआई में हुई और वह संयुक्त सचिव नियुक्त किए गए।

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