अपने दो मंत्रियों (मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन) के साथ पिछले चार दिन से धरने पर बैठे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अब जल्द से जल्द इससे (धरने) ‘मुक्ति’ पाने की कवायद में जुट गए हैं। दो दिन से लगातार सीएम केजरीवाल के ट्वीट और पीएम मोदी को लिखे गए दो पत्र इसी ओर इशारा कर रहे हैं कि वे उपराज्यपाल आवास पर धरने का फैसला लेकर बुरी तरह फंस गए हैं। एक ओर लगातार धरने से जहां दिल्ली की जनता में गलत संदेश जा रहा है, वहीं विपक्षी दल एकजुट होकर आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार पर हमला बोल रहे हैं। ऐसे में केजरीवाल ने खुद ही धरना खत्म करवाने की कवायद में जुटे हैं, लेकिन बहाने से।
नीति आयोग की बैठक के बहाने धरना खत्म करने की फिराक में केजरीवाल, PM को लिखा खत
धरने से छुटकारा पाने की कड़ी में शुक्रवार को फिर अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी को खत लिखकर उनसे दिल्ली के अधिकारियों की तथाकथित हड़ताल खत्म करवाने की गुजारिश की है। खत में बड़ी चतुराई से अरविंद केजरीवाल ने धरना खत्म करवाने के लिए नीति आयोग की मीटिक का हवाला दिया है। कहने का मतलब जैसे ही अधिकारियों की तथाकथित हड़ताल खत्म होगी, केजरीवाल अपना धरना भी खत्म कर देंगे।
आदरणीय प्रधानमंत्री जी,
आपने 17 जून को नीति आयोग की मीटिंग बुलाई है। इसके लिए दिल्ली का मुख्यमंत्री होने के नाते मुझे भी निमंत्रण आया है। दिल्ली में पिछले तीन महीनों से आइएएस अफसरों की हड़ताल चल रही है, जिसकी वजह से कई काम रुक गए हैं।
इस हड़ताल को खत्म कराने के लिए पिछले तीन दिनों से मैं और मेरे तीन मंत्री एलजी निवास पर एलजी साहब से मिलकर इस हड़ताल को खत्म करवाने के लिए बैठे हैं, पर आपके एलजी साहिब इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। …चूंकि दिल्ली के आइएएस अफसर सीधे आपके नियंत्रण में आते हैं, कल मैंने आपको पत्र लिखकर निवेदन किया था कि आप इस हड़ताल को खत्म करवाए। आपके यहां से भी कोई जवाब नहीं आया।