आज यानी गुरुवार, 2 अक्टूबर को दशहरा मनाया जा रहा है। हर साल दशहरे के पर्व को भगवान श्रीराम की रावण पर विजय के रूप में मनाया जाता है। सदियों से यह मान्यता चली आ रही है कि दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन करना बहुत ही शुभ होता है, लेकिन क्या आप इसके पीछे का कारण जानते हैं। अगर नहीं तो चलिए जानते हैं इसके बारे में।
क्यों खास है नीलकंठ का दिखना
हर साल दशहरे का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। यह वह दिन है, जब भगवान राम ने रावण पर विजय प्राप्त की थी। दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी (Neelkanth on Dussehra) को देखने का बहुत ही खास महत्व माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रावण विजय से पहले भगवान राम को भी नीलकंठ के ही दर्शन हुए थे। ऐसे में दशहरे पर नीलकंठ देखने को परम्परा सदियों से चली आ रही है और इसे एक शुभ संकेत के रूप में देखा जाता है।
नीलकंठ का भगवान शिव से संबंध
भगवान शिव को भी नीलकंठ के रूप में जाना जाता है। महादेव ने समुद्र मंथन के दौरान उत्पन्न हुए विष का पान किया था, जिस कारण उनका गला यानी कंठ नीला पड़ गया था। एक कथा के अनुसार, रावण वध के बाद भगवान राम ने ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति पाने के लिए लक्ष्मण के साथ महादेव की पूजा-अर्चना की थी। तब भगवान शिव ने उन्हें नीलकंठ रूप में ही दर्शन दिए थे। ऐसे में यह माना जाता है कि दशहरे पर नीलकंठ के दर्शन करने से व्यक्ति को भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है।