क्या है आई वी एफ की प्रक्रिया, जानें

आईवीएफ यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन, यह किसी भी समस्या के कारण लाइलाज निसंतान दंपति को बच्चे का तोहफा देने की ऐसी प्रक्रिया है जो दिन प्रतिदिन लोकप्रिय होती जा रही है।आईवीएफ यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन, यह किसी भी समस्या के कारण लाइलाज निसंतान दंपति को बच्चे का तोहफा देने की ऐसी प्रक्रिया है जो दिन प्रतिदिन लोकप्रिय होती जा रही है। आई वी एफ में मां को अंडा बनाने का इंजेक्‍शन दिया जाता है। इंजेक्‍शन लगाने का उद्देश्‍य यह होता है कि ज्‍यादा से ज्‍यादा अंडे बनाए जा सकें। और अल्‍ट्रासाउट के जरिये इसकी निगरानी की जाती है कि अंडा बन रहा है या नहीं। जब उनकी ग्रोथ हो जाती है और वह परिपक्‍व हो जाते हैं तो उनमें से अंडे निकाल लिये जाते हैं और इसके बाद इन्हें प्रयोगशाला में कल्चर डिश में तैयार पति के स्‍पर्म के साथ मिलाकर निषेचन के लिए रख दिया जाता है। यह सब अल्ट्रासाइंड के तहत किया जाता है। प्रयोगशाला में इसे दो-तीन दिन के लिए रखा जाता है और इससे बने भ्रूण को वापस महिला के गर्भ में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है। आईवीएफ की पूरी प्रक्रिया में दो से तीन सप्ताह का समय लग जाता है। आई वी एफ की प्रक्रिया क्‍या है और किन कारणों से इसे करवाना चाहिए, आइए अपोलो हॉस्पिटल की सीनियर कंसलटेंट डॉक्‍टर सुषमा सिन्‍हा से जानें।

आई वी एफ में मां को अंडा बनाने का इंजेक्‍शन दिया जाता है। इंजेक्‍शन लगाने का उद्देश्‍य यह होता है कि ज्‍यादा से ज्‍यादा अंडे बनाए जा सकें। और अल्‍ट्रासाउट के जरिये इसकी निगरानी की जाती है कि अंडा बन रहा है या नहीं। जब उनकी ग्रोथ हो जाती है और वह परिपक्‍व हो जाते हैं तो उनमें से अंडे निकाल लिये जाते हैं और इसके बाद इन्हें प्रयोगशाला में कल्चर डिश में तैयार पति के स्‍पर्म के साथ मिलाकर निषेचन के लिए रख दिया जाता है। यह सब अल्ट्रासाइंड के तहत किया जाता है। प्रयोगशाला में इसे दो-तीन दिन के लिए रखा जाता है और इससे बने भ्रूण को वापस महिला के गर्भ में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है। आईवीएफ की पूरी प्रक्रिया में दो से तीन सप्ताह का समय लग जाता है। आई वी एफ की प्रक्रिया क्‍या है और किन कारणों से इसे करवाना चाहिए, आइए अपोलो हॉस्पिटल की सीनियर कंसलटेंट डॉक्‍टर सुषमा सिन्‍हा से जानें।

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