क्या रजनीकांत की राह होगी आसान या फिर मिलेगी कड़ी चुनौती?

क्या रजनीकांत की राह होगी आसान या फिर मिलेगी कड़ी चुनौती?

रजनीकांत के राजनीति में एंट्री लेने के ऐलान के महज 3 हफ्तों में इसका असर दिखने लगा है. इंडिया टुडे-कार्वी इनसाइट्स ओपिनियन पोल में आज चुनाव कराए जाने की स्थिति में रजनीकांत को बड़ा फायदा मिलता दिख रहा है.क्या रजनीकांत की राह होगी आसान या फिर मिलेगी कड़ी चुनौती?

तमिल सिनेमा के सुपरस्टार रजनीकांत ने लंबे कयासों को विराम देते हुए साल 2017 के आखिरी दिन राजनीति में आने का ऐलान कर दिया. तमिलनाडु में पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के निधन और एम करुणानिधि के 90 पार जाने के कारण वहां की राजनीति में नेतृत्व को लेकर शून्य जैसी स्थिति पैदा हो गई थी.

5 दिसंबर 2016 को जयललिता के निधन के बाद से सत्तारुढ़ AIADMK को शीर्ष स्तर पर लगातार अंदरूनी कलह का सामना करना पड़ा और यह झगड़ा खुलकर सड़क पर आ गया.

3 हफ्ते में ही बने दूसरी पसंद

ऐसी स्थिति में खुद के लिए फायदा देखते हुए फिल्मी दुनिया के 2 दिग्गजों ने पिछले साल राजनीति में एंट्री का फैसला लेकर यहां की सियासत में फिल्मी विरासत की परंपरा को कायम रखने की कोशिश की.

दिग्गज फिल्मी स्टार कमल हासन ने काफी विचार करने के बाद राजनीति में एंट्री मारी, पहले कहा जा रहा था कि वह आम आदमी पार्टी (आप) से जुड़ेंगे, लेकिन अब वह खुद पार्टी बनाने जा रहे है. अपनी नई पार्टी का ऐलान 21 फरवरी को करेंगे. उनके ऐलान के बाद रजनीकांत ने भी राजनीति में किस्मत आजमाने की घोषणा की.

इंडिया टुडे-कार्वी इनसाइट्स की ओर से जो ओपिनियन पोल आए हैं, उसके मुताबिक आज तमिलनाडु में चुनाव होने की सूरत में राज्य की 234 सदस्यीय विधानसभा में AIADMK के हाथ में महज 68 सीट ही हाथ लगेंगी. जबकि 2016 के चुनाव में उसे 135 सीट हासिल हुई थी.

जबकि राज्य में मुख्य विपक्षी पार्टी द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (DMK) अपने कांग्रेस और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) सहयोगियों के साथ सत्ता में वापसी करती दिख रही है. ओपिनियन पोल के मुताबिक DMK गठबंधन 130 सीटों के साथ सरकार बना सकता है. DMK गठबंधन को 34% वोट मिल सकते हैं. 2016 में DMK ने अपने दम पर 88 सीटें जीती थीं.

दूसरी ओर, देखा जाए तो रजनीकांत ने अभी राजनीति में आने का ऐलानभर किया है, अभी न उन्होंने कोई पार्टी बनाई है और न ही कोई ठोस शुरुआत की है, बावजूद इसके उन्हें 33 सीटों पर जीतता हुआ देखा जा रहा है.

सब कुछ सही रहा तो राज्य में अगला विधानसभा चुनाव 2021 में होगा, ऐसे में अभी रजनीकांत के लिए कम से कम 3 साल का वक्त है. उनकी लोकप्रियता और वर्तमान में राज्य में कमजोर नेतृत्व देखकर लगता है कि इन 3 सालों में वह तमिल राजनीति में अपनी मजबूत पकड़ बना लेंगे.

किनसे मिलेगी चुनौती? 

अपने पहले ही दांव में मुख्यमंत्री पद पर काबिज होने के लिए तमिल राजनीति में रजनीकांत के लिए सबसे बड़ी चुनौती कौन होगा.

ओपनियन पोल बताता है कि DMK गठबंधन सत्ता में लौट रही है, तो ऐसी स्थिति में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन मुख्यमंत्री पद के लिए बड़े दावेदार होंगे.

वहीं अगर आज चुनाव होते हैं तो ओपिनियन पोल में शामिल प्रतिभागियों में आधे से ज्यादा लोगों ने DMK नेता एमके स्टालिन को मुख्यमंत्री के लिए पहली पसंद बताया. इस मामले में रजनीकांत दूसरे नंबर पर रहे. रजनीकांत को 17 फीसदी लोगों ने बतौर मुख्यमंत्री अपनी पहली पसंद बताया. 40 फीसदी लोगों ने माना कि वह तमिल राजनीति में आई शून्यता को भर सकते हैं.

स्टालिन समर्थन के मामले में काफी बड़े अंतर के साथ रजनीकांत से आगे हैं. यहां AIADMK नेताओं की संभावनाएं काफी धूमिल हैं. वो सीएम के लिए दावेदारों की दौड़ में रजनीकांत से पिछड़ रहे हैं.

AIADMK में शीर्ष के लिए संघर्ष जारी

जयललिता के जाने के बाद AIADMK में उनकी विरासत को लेकर कड़ा संघर्ष चल रहा है, उनका उत्तराधिकारी कौन होगा, इसको लेकर जमकर संघर्ष चल रहा है. ओपिनियन पोल के मुताबिक ओ पन्नीरसेल्वम को ई के पलानीस्वामी पर कुछ बढ़त हासिल है. हालांकि पोल में शामिल 30% प्रतिभागियों का मानना है कि पन्नीरसेल्वम, पलानीस्वामी या टीटीवी दिनाकरण, दीपा जयकुमार और शशिकला नटराजन में से कोई भी जयललिता की विरासत को संभालने योग्य नहीं हैं.

मुख्यमंत्री बनने के लिए रजनीकांत को एमके स्टालिन और राजनीति में नएनवेले कमल हासन से चुनौती मिल सकती है. हासन को लेकर स्थिति अभी साफ नहीं है. हासन अब पार्टी का ऐलान करने वाले हैं, जबकि रजनीकांत अपनी पार्टी कैडर बनाने में लग गए हैं. तमिल की राजनीति दिलचस्प होने वाली है.

पोल में 29 फीसदी लोगों ने कहा कि रजनीकांत और कमल हासन को एक साथ मैदान में उतरना चाहिए. जबकि 31 फीसदी लोग इसके खिलाफ है. 23 फीसदी लोगों ने माना कि वे एक-दूसरे के विरुद्ध रहेंगे. 53 फीसदी लोगा मानते हैं कि वह राजनीति की दुनिया में भी कामयाब रहेंगे. दूसरी ओर, कमल के बारे में 26 फीसदी लोगों ने माना कि वह तमिल राजनीति में प्रभावी साबित होंगे. पोल में 48 फीसदी लोग मानते हैं कि तमिल की राजनीति में एक बार फिर से फिल्मी सितारों का जलवा होगा.

फिलहाल यह तो वक्त बताएगा कि तमिल राजनीति में जयललिता के बाद फिल्मी दुनिया से अगला मुख्यमंत्री कब और कौन बनेगा.

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com