पंजाब के अमृतसर के सीमावर्ती कस्बा अजनाला के पुलिस थाने पर हमले के मुख्य आरोपी और खालिस्तान समर्थक सांसद अमृतपाल सिंह पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (एनएसए) लगे दो साल पूरे होने जा रहे हैं। उसके कई साथियों को असम की डिब्रू्गढ़ जेल से रिहा कर पंजाब पुलिस को सौंप दिया गया है, लेकिन अभी अमृतपाल को डिब्रूगढ़ से बाहर लाने की संभावना नहीं है।
राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत दो साल से ज्यादा किसी आरोपी को असम की जेल में नहीं रखा जा सकता। सूत्रों के अनुसार सरकार उन्हें एक साल और जेल में रखना चाहती है। अमृतपाल के मामले को लेकर पंजाब के गृह विभाग ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से भी संपर्क किया है। अगर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम में उन्हें डिब्रूगढ़ में ही रखने की इजाजत नहीं मिलती है, तो उन्हें यूएपीए में दर्ज केस में डिब्रूगढ़ जेल में ही रखने की इजाजत मिल सकती है।
अमृतपाल सिंह के साथी पपलप्रीत सिंह को अदालत ने जेल भेजा
खालिस्तान समर्थक और हलका खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह के साथी पपलप्रीत सिंह को पुलिस ने शुक्रवार को अदालत में पेश किया। सुनवाई के दौरान अदालत ने आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अब पपलप्रीत सिंह को एक मई को दोबारा अदालत में पेश किया जाएगा।
पुलिस रिमांड के दौरान पपलप्रीत सिंह से कुछ भी बरामद नहीं हुआ। इसके चलते अदालत ने पुलिस रिमांड बढ़ाने की मांग को ठुकराते हुए उसे न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। फरवरी 2023 में अजनाला थाने पर हुए हमले के मामले में अजनाला पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद जब पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करना शुरू किया, तो आरोपी पपलप्रीत सिंह ही अमृतपाल सिंह के साथ लगातार दिखाई देता रहा था। दोनों को पुलिस ने नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया था।
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