सप्लीमेंट्स का बाजार बहुत बढ़ा है और मार्केट में नित नए सप्लीमेंट्स आते रहते हैं. इतनी अधिक मात्रा में सप्लीमेंट्स की खपत से यह तो मालुम चलता है कि लोग इसका कितना ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं. चिंता इस बात की है कि क्या सप्लीमेंट्स लेना हर किसी के लिए जरूरी हो गया है या इन्हें लेने से पहले कोई डाइटिशियन आय चिकित्सक की सलाह लेता भी है या नहीं। प्रोटीन, क्रीएटिन, जैसे सप्लीमेंट्स के बाद सबसे ज्यादा उपयोग होने वाला सप्लीमेंट है मल्टी विटामिन,जिसका धड़ल्ले से हर वर्ग द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है.
शरीर के समुचित विकास के लिए 13 विटामिन की जरूरत होती है। इनमें विटामिन ए, सी, डी, ई और के का शरीर के विकास में अहम योगदान होता है। अगर आपके शरीर में विटामिन की कमी है, तब विटामिन सप्लिमेंट लेना फायदेमंद है और अगर ऐसा नहीं है तब इसको कुछ भी फायदा नहीं है। टेबलेट्स या सप्लीमेंट्स से आप जितना विटामिन लेती है उसका दस फीसदी ही शरीर को मिल पाता है। विटामिन की कमी को पूरा करने के लिए फल खाएं, दूध व डेयरी प्रोडक्ट्स भरपूर मात्रा में लें, ड्राई फ्रूट्स का सेवन करें। हरी सब्जियों और संतुलित आहार को भोजन में शामिल करे तो सप्लीमेंट लेने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। प्राकृतिक चीजों से आप नब्बे फीसदी तक विटामिन शरीर के लिए पा लेते है।
मल्टीविटामिन आपके लिए तभी अच्छा हो सकता है जब उसे सही मात्रा और देख-रेख में लिया जाए. बहुत ज्यादा मात्रा में विटामिन-डी लेने से गुर्दे और दिल को स्थाई नुकसान हो सकता है. इसके साथ ही ज्यादा मात्रा में लेने से उसका असर ज्यादा नहीं बढ़ जाता, बल्कि उससे नुकसान होने का खतरा बढता है. विटामिन ए, डी और ई फैट सॉल्युबल है। यह शरीर में रह जाता है और इसके कई दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं. विटामिंस की अधिकता से लीवर, किडनी और आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
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