क्या आप जानते हैं ये राज की बात, की रेलवे स्टेशन बोर्ड पर क्यों लिखी जाती हैं समुद्र तल की ऊंचाई ?

स्टेशन बड़ा हो या छोटा, हर जगह आपको ये पीले रंग का बोर्ड दिखाई देगा। जिस पर शहर का नाम हिंदी, अंग्रेजी और कई बार उर्दू में लिखा दिख जाता है। स्टेशन के नाम के नीचे कुछ और भी लिखा रहता है। अगर आपने ध्यान दिया होगा तो आपको दिखा होगा कि इसी बोर्ड पर शहर की समुद्र तल से ऊंचाई का भी उल्लेख मिलता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों लिखा जाता है..?
ये है असल कारण
आपको पता ही होगा कि दुनिया गोल है। दुनिया को एक समान ऊंचाई पर नापने के लिए वैज्ञानिकों को किसी ऐसी प्वाइंट की जरूरत थी जो एक समान दिखे। लिहाजा इस मामले में समुद्र परफेक्ट है। क्योंकि समुद्र का पानी एक समान रहता है। इसलिए लिखा जाता है समुद्र तल की ऊंचाई। लेकिन इसको लिखने का क्या फायदा। ड्राईवर और गार्ड क्या करते हैं।
ये होता है काम
दरअसल, यह यात्रियों के लिए नहीं बल्कि गार्ड और ड्राईवर के लिए जरूरी है। इसका इस्तेमाल मापने के लिए किया जाता है। जैसा कि हम जानते हैं कि पृथ्वी गोल है। ऐसे में मापने के लिए वैज्ञानिकों को ऐसे तल की जरुरत पड़ती है जो कि एक समान रहे। इसके लिए समुद्र से बेहतर विकल्प और कुछ हो ही नहीं सकता।
ऐसे स्थिति में ड्राइवर और गार्ड को सूचित करने के लिए रेलवे बोर्ड पर यह लिखना आवश्यक होता है। यानि कि मान लीजिए ट्रेन 100 मीटर समुद्र तल की ऊंचाई से 150 मीटर समुद्र तल की ऊंचाई पर जा रही है। ऐसे में सूचना बोर्ड को देखकर ड्राईवर इस बात का अंदाजा लगा लेता है कि इंजन की स्पीड किस हिसाब से बढ़ानी है। इसके साथ ही ट्रेन के ऊपर लगे बिजली के तारों को एक समान ऊंचाई देने में भी इससे मदद मिलती है ताकि बिजली के तारों का सम्पर्क हमेशा ट्रेन के तारों से बना रहे। बता दें, ऐसे सवाल कई बार प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछ लिए जाते हैं, ऐसे में इन बातों की जानकारी रखना भी जरूरी है।

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