क्या आप जानते हैं नील से सिर्फ कपड़े ही नहीं बल्कि किस्मत भी चमकते हैं, जानिए कैसे

क्या आप जानते हैं नील से सिर्फ कपड़े ही नहीं बल्कि किस्मत भी चमकते हैं, जानिए कैसे

सफेद कपड़ों की चमक बनाए रखने के लिए, हम उनमें नील लगाते हैं। क्या आप जानते हैं कि नील, कपड़े चमकाने के  साथ-साथ किस्मत चमकाने का भी काम करता है।  दैनिक जीवन के कुछ कार्य ऐसे हैं, जिन्हें हम नित्य करते तो हैं, लेकिन इन कार्यों के चमत्कारिक गुणों से अनजान रहते हैं। ऐसा ही एक कार्य है कपड़ों में नील लगाना। धार्मिक मान्यतानुसार, कपड़ों में नील लगाने से किस्मत में उजियारा आता है।क्या आप जानते हैं नील से सिर्फ कपड़े ही नहीं बल्कि किस्मत भी चमकते हैं, जानिए कैसे शाबर तंत्र के अनुसार, नील के पौधे की उत्पत्ति श्मशान में हुई है। नील का पौधा मृत्यु घट पर भी जीवन ढूंढ लेता है। नील एक सिद्धांत पर टिका है कि जीवन के बाद मृत्यु है और मृत्यु के बाद पुनः जीवन है। इसी को जीवन-मरण का कालचक्र कहते हैं। तंत्र शास्त्र के अनुसार, नील रंजक, देवी नील सरस्वती को संबोधित करता है। शास्त्रों में नील सरस्वती को देवी तारा कहकर संबोधित किया गया है। देवी तारा दस महाविद्याओं में से एक है।

‘नीलजीमूतसङ्काशाय नीललोहिताय नीलवसनाय नीलपुष्पविहाराय चन्द्रयुक्ते चण्डालजन्मसूचकाय राहवे प्रणमाम्यहम॥’ ज्योतिषशास्‍त्र की मानें, तो नील रंजक पर राहु ग्रह का अधिपत्य होता है। राहु को चंद्रमा का उत्तरी ध्रुव भी कहा जाता है। राहु को लेकर ज्योतिष शास्त्र में दो मत हैं। पहले मतानुसार, राहु ग्रह पर देवी नील सरस्वती अर्थात तारा का अधिपत्य है, इसलिए इसका रंग नीला है। दूसरे मतानुसार, राहु पर देवी छिन्मस्ता का आधिपत्य है, जिस कारण उसका रंग नीलिमा लिए हुए जंग लगा है। तारा के रूप में राहु, गूड ज्ञान अर्थात तंत्र का प्रतीक है। वहीं छिन्नमस्ता के रूप में राहु अघोरता का प्रतीक है।

ज्योतिषशास्त्र में नील के प्रयोग के कुछ विशिष्ट उपाय बताए गए हैं। अगर दुर्भाग्य लगातार बना रहता है, तो देवी नील सरस्वती पर नील मिले सरसों के तेल का दीपक जलाने से दुर्भाग्य दूर होता है। धन की कमी या आर्थिक नुकसान होता रहता है, तो नील से नीले किए हुए चावल, देवी छिन्नमस्ता को अर्पित करें, लाभ होगा। अगर आप सफेद कपड़े पहनते हैं, तो उसमें नील जरूर दें। ऐसा करने से चंद्रमा शुभ होता है और मानसिक विकार दूर करता है। 

यदि घर में किसी भी तरह का वास्तुदोष है, तो पानी में नमक और हल्का नील देकर पोंछा लगाएं। ऐसा करने से वास्तुदोष दूर होता है। घर में दरिद्रता दूर करने के लिए सफेद चूने में थोड़ा नील देकर घर की पुताई कराने से लाभ होता है। बनते कार्य बिगड़ते हैं, तो घर के बाहर नील से उल्‍टा स्वास्तिक बनाने से दोष दूर होता है। इससे बुरी नजर दोष भी दूर होता है। घर के स्नानघर व शौचालय को नील मिले पानी से साफ करने पर राहु ग्रह का प्रभाव कम होता है।

नील और चूने से घर के बाहर रंगोली बनाने से अलक्ष्मी दूर होती है। नील को घर के चारों कोनों में थोड़ा सा छिड़कने से आर्थिक नुकसान से मुक्ति मिलती है। ज्योतिषशास्‍त्र के अनुसार, हमेशा साफ-स्वच्छ कपड़े पहनने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और अपनी कृपा बनाए रखती हैं। गंदे कपड़े धारण करने वाला दरिद्रता को स्वयं निमंत्रण देता है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com